पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिये जाने पर पीएम मोदी ने दी बधाई

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर . केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषा को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा दिया. इसके साथ ही अब 11 शास्त्रीय भाषाएं हो जाएंगी. पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर पीएम मोदी ने बधाई दी है.

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मराठी भारत का गौरव है. इस भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर बधाई. यह सम्मान हमारे देश के इतिहास में मराठी के समृद्ध सांस्कृतिक योगदान को मान्यता देता है. मराठी हमेशा से भारतीय विरासत का आधार रही है. मुझे यकीन है कि शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से और भी अधिक लोग इसे सीखने के लिए प्रेरित होंगे.”

उन्होंने दूसरे पोस्ट में लिखा, “मुझे बहुत खुशी है कि महान बंगाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है, खासकर दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर. बंगाली साहित्य ने वर्षों से अनगिनत लोगों को प्रेरित किया है. मैं इसके लिए दुनिया भर के सभी बंगाली भाषियों को बधाई देता हूं.”

वहीं असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिये जाने पर पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “मुझे बेहद खुशी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद असमिया को अब शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिल जाएगा. असमिया संस्कृति सदियों से समृद्ध रही है और इसने हमें एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा दी है. आने वाले समय में यह भाषा और भी अधिक लोकप्रिय होती रहेगी. मेरी बधाई.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और एक्स पोस्ट में लिखा, “पाली और प्राकृत भारत की संस्कृति के मूल हैं. ये आध्यात्मिकता, ज्ञान और दर्शन की भाषाएं हैं. वे अपनी साहित्यिक परंपराओं के लिए भी जानी जाती हैं. शास्त्रीय भाषाओं के रूप में उनकी मान्यता भारतीय विचार, संस्कृति और इतिहास पर उनके कालातीत प्रभाव का सम्मान करती हैं. मुझे विश्वास है कि उन्हें शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता देने के कैबिनेट के फैसले के बाद, अधिक लोग उनके बारे में जानने के लिए प्रेरित होंगे.”

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