नई दिल्ली, 26 जून . केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार के गठन के बाद लोकसभा में बुधवार को अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच पहला शक्ति प्रदर्शन होने जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही एनडीए में शामिल सहयोगी दलों के अन्य नेता लोकसभा में ओम बिरला को स्पीकर चुनने का प्रस्ताव रखेंगे. राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी समेत सरकार के कई दिग्गज इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे.
बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सबसे पहले उन नवनिर्वाचित सांसदों का नाम शपथ लेने के लिए पुकारा जाएगा जिन्होंने अब तक सदन की सदस्यता की शपथ नहीं ली है.
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में नए लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पीएम मोदी द्वारा रखे गए प्रस्ताव का समर्थन करेंगे. इसके बाद जदयू नेता एवं केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह लोकसभा अध्यक्ष के लिए ओम बिरला का नाम प्रस्तावित करेंगे और रालोद सांसद राजकुमार सांगवान इसका समर्थन करेंगे.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी लोकसभा स्पीकर के लिए ओम बिरला का नाम प्रस्तावित करेंगे जिसका समर्थन केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया जाएगा. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव सदन में रखेंगे, जिसका समर्थन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा किया जाएगा.
एनडीए में शामिल अन्य घटक दलों की बात करें तो शिवसेना नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रतापराव गणपतराव जाधव, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जद(एस) नेता एवं केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी, टीडीपी नेता एवं केंद्रीय मंत्री के. राममोहन नायडू, अपना दल (एस) नेता एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, एसकेएम से इंद्र हंग सुब्बा के अलावा केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार, एसपी सिंह बघेल एवं अन्नपूर्णा देवी लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सदन में ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखेंगी और एनडीए के अन्य नेता इन प्रस्तावों का समर्थन करेंगे.
वहीं, विपक्ष ने भी अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर अपनी रणनीति तैयार कर ली है. विपक्षी गठबंधन की तरफ से शिवसेना ( उद्धव ठाकरे गुट) के अरविंद सावंत अध्यक्ष के पद के लिए के. सुरेश के नाम का प्रस्ताव सदन में रखेंगे, जिसका आरएसपी नेता एन.के. प्रेमचंद्रन समर्थन करेंगे. सपा सांसद आनंद भदौरिया भी के. सुरेश का नाम प्रस्तावित करेंगे जिसका समर्थन कांग्रेस सांसद तारिक अनवर करेंगे. एनसीपी (शरद पवार गुट) सांसद सुप्रिया सुले भी के. सुरेश का नाम प्रस्तावित करेंगी जिसका समर्थन द्रमुक सांसद कनिमोझी करुणानिधि करेंगी.
अगर लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर मतदान होता है और विपक्ष दल मत विभाजन की मांग करता है तो ज्यादा संभावना इस बात की है कि यह मतदान कागज की पर्ची द्वारा करवाया जाएगा. हालांकि सदन में संख्या बल की बात करें तो एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर ओम बिरला का आसानी से चुनाव जीतना तय माना जा रहा है, लेकिन भाजपा इस जीत को बड़ी जीत में बदलना चाहती है.
लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हो जाने के बाद परंपरा के मुताबिक, सदन के नेता (प्रधानमंत्री) और विपक्ष के नेता नए स्पीकर को उनके आसन तक लेकर जाएंगे. इसके बाद सदन में सभी दलों के नेता अपनी-अपनी बात रखेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके बाद अपने मंत्रिमंडल में शामिल किए गए मंत्रियों का परिचय सदन से कराएंगे.
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एसटीपी/एकेजे