नई दिल्ली, 14 जून . इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडोमिर जेलेंस्की से मिले. इस दौरान पीएम मोदी ने जेलेंस्की को गले लगाया.
पीएम मोदी ने वोलोडोमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की. दोनों नेताओं ने भारत-यूक्रेन द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और यूक्रेन की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बहुत सार्थक बैठक हुई. भारत यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना चाहता है. रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के मद्देनजर भारत मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में विश्वास करता है. हमारा मानना है कि शांति का रास्ता बातचीत और कूटनीति से होकर गुजरता है.”
इस मुलाकात को लेकर जेलेंस्की के कार्यालय की तरफ से कहा गया कि नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विकास और कृषि में नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग में “अनुभव साझा करने की संभावना” पर चर्चा की.
“राष्ट्रपति ने काला सागर परिवहन गलियारे के संचालन के बारे में बात की, जो भारत में सूरजमुखी तेल के निर्यात और अन्य वस्तुओं के व्यापार को बढ़ा सकता है.”
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पिछले हफ्ते पीएम मोदी को फोन किया था और उन्हें उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी थी. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि भारतीय पीएम न केवल जल्द ही यूक्रेन का दौरा करेंगे बल्कि इस सप्ताह के अंत में स्विट्जरलैंड में होने वाले वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे.
फोन कॉल के बाद जेलेंस्की ने कहा था, “मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी चुनावी जीत पर बधाई देने के लिए बात की. मैंने उन्हें सरकार के शीघ्र गठन और भारतीय लोगों के लाभ के लिए कार्य जारी रखने की कामना की.”
इससे पहले, एक सोशल मीडिया पोस्ट में, जेलेंस्की ने संसदीय चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत पर पीएम मोदी को बधाई दी थी और कहा था कि वह वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन में देश की भागीदारी देखने के लिए उत्सुक हैं.
जेलेंस्की ने एक्स पर पोस्ट किया था, “दुनिया में हर कोई वैश्विक मामलों में भारत की भूमिका के महत्व को पहचानता है. यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी देशों के लिए न्यायपूर्ण शांति सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करें. इस संबंध में, हम भारत के शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेने को लेकर भी उत्सुक हैं.”
जेलेंस्की के संदेश के जवाब में, पीएम मोदी ने कहा था कि भारत क्षेत्र में सभी के लिए शांति, सुरक्षा और समृद्धि का समर्थन करना जारी रखेगा.
विदेश मंत्रालय ने इसको लेकर पुष्टि की है कि भारत इस शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेगा.
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