पीएम धन-धान्य कृषि योजना किसानों के लिए सतरंगी गुलदस्ता : डॉ. अनिल कुमार सिंह

भागलपुर, 11 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi ने Saturday को New Delhi के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) पूसा में 42,000 करोड़ रुपए की ‘Prime Minister धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता अभियान’ का शुभारंभ किया. Prime Minister मोदी ने 1,100 से अधिक कृषि, पशु पशुपालन, मत्स्यपालन पालन और खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं का भी उद्घाटन व शिलान्यास किया. बिहार के भागलपुर में बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर के डायरेक्टर रिसर्च डॉ. अनिल कुमार सिंह ने इसे किसानों के लिए “सतरंगी गुलदस्ता” बताया.

डॉ. अनिल कुमार सिंह ने से बात करते हुए योजना की तारीफ की और बताया कि यह योजना 2047 तक विकसित India के विजन को साकार करेगी. उन्होंने कहा, “पीएम साहब की किसान हितैषी सोच खाद्यान्न और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. देश में 250 मिलियन टन दलहन का उत्पादन हो रहा है, लेकिन प्रति व्यक्ति खपत 19 किलो प्रति वर्ष है. इसके बावजूद 4 मिलियन टन दलहन आयात करना पड़ता है, जिस पर 5-6 अरब डॉलर खर्च होते हैं.”

उन्होंने बताया कि 11,440 करोड़ रुपए की दलहन आत्मनिर्भरता योजना से 2030-31 तक 40 प्रतिशत अधिक उत्पादन का लक्ष्य है. इसके लिए देश के 100 कम उत्पादकता वाले जिलों का चयन किया गया है, जिसमें बिहार के कई जिले शामिल हैं.

बिहार में दलहन और तेलहन की नई किस्में विकसित की गई हैं, जो उपज बढ़ाने में कारगर हैं. डॉ. सिंह ने कहा, “पीएम, कृषि मंत्री और सीएम की सोच के अनुरूप कृषि वैज्ञानिक और किसान मिलकर 5-6 अरब डॉलर की बचत करेंगे. नई तकनीक और मुनाफेदार फसलों जैसे दलहन पर जोर से आय दोगुनी होगी.”

‘Prime Minister धन-धान्य कृषि योजना’ के तहत 24,000 करोड़ रुपए से सिंचाई, भंडारण, फसल विविधीकरण और ऋण सुविधाएं बढ़ेंगी, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा. भागलपुर, जो गंगा-कोसी बेसिन में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है, में यह योजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. जिले के 1.5 लाख से अधिक किसान दलहन उत्पादन में सक्रिय हैं. बीएयू सबौर ने नई किस्मों जैसे अरहर, मसूर और चने की प्रजातियां विकसित की हैं, जो जलवायु अनुकूल हैं.

डॉ. सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से किसानों को नई तकनीकों से जोड़ेगा.

एससीएच