नई दिल्ली, 10 फरवरी . केंद्र सरकार की ओर से घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए चलाई जा रही प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम के कारण चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024-25) के पहले 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) में एप्पल आईफोन का निर्यात 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है.
इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक, जनवरी के महीने में रिकॉर्ड 19,000 करोड़ रुपये के आईफोन का निर्यात हुआ है और यह आईफोन निर्यात का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
देश के आईफोन निर्यात में सालाना आधार पर 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. पिछले वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी की अवधि में 76,000 करोड़ रुपये के आईफोन का निर्यात किया गया था.
केंद्रीय रेल और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि पीएलआई योजना के तहत एक और रिकॉर्ड प्रदर्शन, वित्त वर्ष 2024-25 के केवल 10 महीनों में आईफोन निर्यात 1 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया है.
भारत में प्रति वर्ष 32.5 से लेकर 33 करोड़ के करीब मोबाइल फोन का निर्माण किया जा रहा है और औसतन भारत में लगभग एक अरब मोबाइल फोन उपयोग में हैं.
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने पिछले महीने कहा था कि भारत कंपनी के लिए एक बड़ा बाजार है और हमने दिसंबर तिमाही में रिकॉर्ड वृद्धि हासिल की है और अक्टूबर-दिसंबर 2024 की अवधि में आईफोन देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला स्मार्टफोन रहा है.
साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 2024 में भारतीय स्मार्टफोन मार्केट में एप्पल आईफोन की हिस्सेदारी बढ़कर 7 प्रतिशत हो गई है. इसकी वजह स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ना और छोटे शहरों में प्रीमियमाइजेशन का बढ़ता चलन है.
2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में एप्पल की एंट्री भारत के शीर्ष पांच मोबाइल ब्रांड में हो गई थी. वॉल्यूम के हिसाब से कंपनी का मार्केट शेयर करीब 10 प्रतिशत पर पहुंच गया था.
2024 में एप्पल इंडिया द्वारा 1.1 करोड़ से ज्यादा शिपमेंट की गई थी.
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एबीएस/