रीवा, 30 जनवरी . उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मची भगदड़ के बाद मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित चाकघाट में संगम में स्नान के लिए जा रहे तीर्थ यात्रियों के वाहनों को रोक दिया गया है. इस पर कई तीर्थयात्रियों ने आपत्ति भी जताई.
प्रशासन ने न सिर्फ तीर्थ यात्रियों के वाहनों, बल्कि मालवाहक वाहनों को भी रोककर रखा है.
अधिकारियों के मुताबिक पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने गंगा स्नान कर लौट रहे तीर्थ यात्रियों के मार्ग को डायवर्ट कर दिया है. उन्हें मिर्जापुर होते हुए रीवा की ओर भेजा जा रहा है.
जिला प्रशासन ने तीर्थ यात्रियों के लिए कई जगह होल्डिंग पॉइंट्स बनाए हैं, जहां उन्हें रोकने की व्यवस्था की गई है. इन होल्डिंग कैंप्स में चाकघाट के अलावा चोरहटा, रायपुर कर्चुलियान, मनगवां, गंगेव और सोहागी जैसे स्थान शामिल हैं.
एडिशनल एसपी रीवा अनिल सोनकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि होल्डिंग एरिया में यह कोशिश की जा रही है कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो. उन्हें जो भी बुनियादी सुविधाएं चाहिए, जैसे चाय, खाद्य सामग्री और मेडिकल सहायता, वह सभी उपलब्ध करवाई जा रही हैं. अगर किसी को और किसी चीज़ की जरूरत होती है, तो उसकी व्यवस्था भी अच्छे से की जा रही है.
इससे पहले 29 जनवरी को महाकुंभ में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के कारण प्रयागराज बॉर्डर पर सभी बसों और चार पहिया वाहनों को 24 घंटे के लिए रोक दिया गया था.
मौनी अमावस्या पर्व पर मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया. वहीं महाकुंभ नगर में आम श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पांच बदलाव भी किए गए. पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया, मेला प्रशासन की ओर से वीवीआईपी पास रद्द कर दिए गए, मेला क्षेत्र में रास्ता वन-वे कर दिया गया, जिले में वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई गई है और ये नियम 4 फरवरी तक लागू रहेंगे.
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एसएचके/केआर