मुंबई, 5 मार्च . मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करने वाले सपा विधायक अबू आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है. अबू आजमी ने विधानसभा के मौजूदा सत्र से निलंबन को राजनीति से प्रेरित बताया है.
उन्होंने वीडियो जारी करते हुए कहा, “मुझे अभी-अभी जानकारी मिली है कि विधानसभा अध्यक्ष ने मुझे पूरे सत्र के लिए निलंबित किया है. मुझे ताज्जुब हुआ कि मैंने विधानसभा के अंदर कोई गलत बात नहीं की थी. वहीं बाहर हमने किसी महापुरूष के बारे में अपशब्द नहीं कहे. मैंने केवल इतिहास में वर्णित बातों का संदर्भ दिया था. इसके बाद भी विधानसभा अध्यक्ष ने हमें निलंबित कर दिया, जिसका हमें अफसोस है.”
उन्होंने आगे कहा, “मेरा सवाल है कि क्या प्रदेश में कानून का राज कायम है कि नहीं है. जिन लोगों ने औरंगजेब के बारे में किताबें लिखी है, उनकी किताबों पर बैन नहीं लगा है, वो आज भी पढ़ी जा रही है. ऐसे लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है. मैं अपने क्षेत्र के मुद्दों को लेकर विधानसभा में बात रखने वाला था, लेकिन मुझे निलंबित किया गया कि मैं जनता के मुद्दों को न उठा पाऊं. रमजान का महीना भी चल रहा है और मेरी तबीयत भी ठीक नहीं है. मैं अपनी नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठाऊंगा. विधानसभा चले, इसलिए हमने अपनी बातों को वापस लिया था. मैंने कुछ गलत नहीं बोला था, इसके बावजूद हमने अपनी बातों को वापस लिया.”
खास बात यह है कि जहां एक तरफ अबू आजमी के बयान को लेकर राजनीति जारी है. वहीं, इसी बीच एक दिलचस्प तस्वीर भी सामने आई है. वीडियो जारी करने के दौरान अबू आजमी जिस कुर्सी पर बैठे हुए नजर आ रहे हैं, उसके पीछे छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर दिखाई दे रही है.
दूसरी तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा. हमारे विधायक हों या सांसद, उनकी बेखौफ दानिशमंदी बेमिसाल है. कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की जुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है.”
बता दें कि महाराष्ट्र के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन के पटल पर अबू आजमी के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने पारित कर दिया. मिली जानकारी के मुताबिक, इस सत्र के दौरान अबू आसिम आजमी के विधानसभा परिसर में घुसने पर भी पाबंदी रहेगी.
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एकेएस/एबीएम