अचार, शरारतें और पारिवारिक ड्रामा: द पिकल फैक्ट्री में है बेहतरीन ज़िंग!

मुंबई, 3 जनवरी . एक ऐसी दुनिया की कल्पना करें जहां कार्यस्थल की गतिशीलता आपकी प्लेट पर मौजूद अचार की तरह ही मसालेदार हो और पारिवारिक ड्रामा के साथ-साथ हंसी-मजाक भी हो. द पिकल फैक्ट्री में प्रवेश करें, प्रसार भारती के नए लॉन्च किए गए वेव्स ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म पर स्ट्रीमिंग होने वाला 10-एपिसोड का एक मजेदार रोलरकोस्टर है.

आरव जिंदल द्वारा निर्मित, यह विचित्र ड्रामाडी काम-जीवन की अराजकता के स्वादों को दिल को छू लेने वाले पारिवारिक बंधनों के साथ मिलाती है, जो एक ऐसा शो बनाती है जो जितना मज़ेदार है, उतना ही सुकून देने वाला भी है.

कहानी माहिका (तान्या मानिकतला द्वारा अभिनीत) पर आधारित है, जो नौकरी से निकाल दिए जाने और गलत कारणों से इंटरनेट सनसनी बनने के बाद खुद को देहरादून में अपनी दादी के घर पाती है.

परिवार की अचार फैक्ट्री में इंटर्नशिप करने के लिए मजबूर महिका की यात्रा मज़ेदार दुर्घटनाओं से भरी हुई है, इस दौरान उसे अपने शरारती चाचाओं जोजो (गगनदेव रियार) और चंदू (नवीन कौशिक) जैसे विचित्र रिश्तेदारों से भी जूझना पड़ता है, जो अपनी तरह का अराजक मज़ा लेकर आते हैं.

ऋत्विक भौमिक को देब के रूप में जोड़ें, जो बचपन का क्रश है और अभी भी महिका से प्यार करता है, और आपको एक ऐसी कार्यस्थल कॉमेडी मिलती है जो बिल्कुल भी नीरस नहीं है.

द पिकल फैक्ट्री एक ऐसी सीरीज़ है, जहां हर किरदार को ऐसा लगता है जैसे वह आपके अपने परिवार के पुनर्मिलन से बाहर आया हो.

कलाकारों के बीच की केमिस्ट्री बेहद मज़ेदार है, और एपिसोड में हंसी-मज़ाक के पल, दिल को छू लेने वाली बातचीत और बिल्कुल सही मात्रा में ड्रामा है.

जिंदल का प्रोडक्शन छोटे शहर के जीवन के विचित्र आकर्षण को पूरी तरह से दर्शाता है, यहां तक कि सबसे साधारण अचार बनाने की प्रक्रिया को भी एक शानदार रोमांच की तरह महसूस कराता है.

इसलिए, अगर आप कुछ नया, मज़ेदार और जाना-पहचाना देखना चाहते हैं, तो अचार का जार लें और द पिकल फैक्ट्री में गोता लगाएं. पुरानी यादों, अजीबोगरीब बातों और दिल को छू लेने वाले इस शो के साथ, यह आपके लिए नए साल का सबसे बढ़िया शो है – और यकीन मानिए, आप इसे दोबारा ज़रूर देखेंगे!

अब डब्‍ल्‍यूएवीईएस पर स्ट्रीमिंग – जहां पुरानी यादों से भरपूर कंटेंट है, रामायण, महाभारत, अलिफ़ लैला और फौजी जैसे कालजयी क्लासिक्स को फिर से स्क्रीन पर लाया गया है. यह उन दर्शकों के लिए एकदम सही है, जो भारतीय टेलीविज़न को आकार देने वाले ऐतिहासिक पलों और कहानियों को फिर से जीना चाहते हैं.

निर्देशक- विश्वजॉय मुखर्जी

निर्माता – आरव जिंदल

लेखक- मोहक पजनी, अधिराज और सारांश शर्मा

कलाकार – ऋत्विक भौमिक और तान्या मानिकतला, सोहेला कपूर, गगनदेव रियार, नवीन कौशिक, आकाशदीप अरोड़ा

एपिसोड – 10

मंच – लहरें

रेटिंग- 3.5

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