बीजिंग, 15 जनवरी . चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 14 जनवरी को निमंत्रण पर यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा के साथ फोन पर वार्ता की.
इस अवसर पर शी चिनफिंग ने कहा कि इस साल चीन और ईयू के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ है, जो बहुत महत्वपूर्ण है. चीन और यूरोप के बीच संबंधों के विकास से जाहिर है कि आपसी सम्मान, समान व्यवहार और खुलकर बातचीत करने से सहयोग बढ़ाया जाएगा. चीन हमेशा से मानता है कि यूरोप बहुध्रुवीय विश्व में एक महत्वपूर्ण ध्रुव है. चीन यूरोपीय एकीकरण और यूरोपीय संघ की रणनीतिक स्वतंत्रता का समर्थन करता है. दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों का राजनीतिक आधार बनाए रखकर चीन-यूरोप संबंधों का विकास बढ़ाना चाहिए, ताकि दोनों पक्षों के लोगों को फायदा मिल सके और अस्थायी अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में ज्यादा निश्चितता बढ़ सके.
शी चिनफिंग ने यह भी कहा कि पिछले 50 सालों में चीन-यूरोप संबंधों ने न सिर्फ दोनों पक्षों के विकास में सहायता की, बल्कि विश्व शांति और समृद्धि में अहम योगदान भी किया. चीन को यूरोपीय संघ पर भरोसा है. आशा है कि ईयू चीन का विश्वसनीय साझेदार बनेगा. चीन के उच्च गुणवत्ता वाले विकास और उच्च स्तरीय खुलेपन से चीन-यूरोप सहयोग को नए अवसर मिलेंगे.
वहीं, कोस्टा ने कहा कि यूरोप चीन के साथ वार्ता मजबूत करना चाहता है और रणनीतिक विश्वास बढ़ाने से साझेदारी मजबूत करना चाहता है. वर्तमान दुनिया में यूरोप और चीन के बीच घनिष्ठ सहयोग की जरूरत है, ताकि जलवायु परिवर्तन आदि वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला किया जा सके और विश्व शांति व स्थिरता में योगदान किया जा सके.
दोनों पक्षों ने यूक्रेन मुद्दे पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. शी चिनफिंग ने शांति वार्ता बढ़ाने पर चीन के रुख पर प्रकाश डाला.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–
एबीएम/