कोलकाता, 29 अप्रैल . कांग्रेस छोड़ने के बाद हाल ही में भाजपा में शामिल वकील कौस्तव बागची ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर ‘न्यायपालिका विरोधी’ टिप्पणियों के लिए तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय बागची ने वकील बागची को सलाह दी कि मामले में एक अलग याचिका दायर करने के बजाय उन्हें सीपीआई (एम) के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ वकील विकास रंजन भट्टाचार्य द्वारा दायर इसी तरह की याचिका के आधार पर अदालत में पहले से ही दर्ज मामले में एक पक्ष बनना चाहिए.
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के नेता अशोक घोष ने पहले ही मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर न्यायपालिका विरोधी टिप्पणियों के लिए अभिषेक बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
पिछले हफ्ते, अभिषेक बनर्जी ने 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) द्वारा शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों पर की गई 25,753 नियुक्तियों को रद्द करने वाले उच्च न्यायालय के हालिया आदेश का जिक्र करते हुए टिप्पणी की थी.
परोक्ष रूप से तमलुक लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय का जिक्र करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा था, ”जो न्यायाधीश पहले स्कूल की नौकरी के मामलों की सुनवाई कर रहे थे, वे अब भाजपा के उम्मीदवार हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि वह काफी समय से भाजपा के संपर्क में थे. अब चूंकि वह न्यायाधीश भाजपा में शामिल हो गए हैं, इसलिए कलकत्ता उच्च न्यायालय काेे बंद कर देना चाहिए.”
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