सरायकेला में टायो कंपनी के जर्जर फ्लैट धराशायी होने से दहशत में लोग, चंपई सोरेन ने टाटा स्टील के अफसरों के साथ की बैठक

सरायकेला, 29 जनवरी . झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत गम्हरिया में टाटा की सहायक कंपनी टायो के आवासीय सेक्टर में सोमवार को एक साथ 16 जर्जर फ्लैट के धराशायी होने की घटना के बाद यहां रहने वाले लोग चिंता और दहशत में हैं. इस मुद्दे को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और सरायकेला के विधायक चंपई सोरेन ने बुधवार को टाटा स्टील और जेवीएनएल के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक जमशेदपुर के डायरेक्टर्स बंगले में हुई. इसमें टायो के प्रभावित लोग भी उपस्थित थे.

बैठक के बाद, चंपई सोरेन ने मीडिया को बताया कि वार्ता सकारात्मक रही. उन्होंने उपायुक्त को फ्लैटों की जांच के निर्देश दिए. इस मामले में जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह मजदूरों के हित में होगा. साथ ही, जेवीएनएल के अधिकारियों को प्रभावितों को उचित मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है.

इससे पहले, मंगलवार को चंपई सोरेन ने घटनास्थल का दौरा किया था और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की थी. मजदूरों ने अपनी समस्याएं बताते हुए न्याय की गुहार लगाई थी. उन्होंने बताया कि टायो कंपनी के बंद होने के बाद उनका फाइनल सेटलमेंट नहीं हुआ है और वे जर्जर हो चुके फ्लैटों में रहने को मजबूर थे. चंपई सोरेन ने मौके पर ही टाटा प्रबंधन से फोन पर वार्ता की और मजदूरों के लिए नए फ्लैट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.

सोमवार को टायो आवासीय सेक्टर में 16 फ्लैट एक साथ जमींदोज हो गए थे. गनीमत यह रही कि इस हादसे में कोई जान-माल की बड़ी क्षति नहीं हुई, लेकिन मजदूरों का सामान मलबे के नीचे दब गया. मजदूरों ने बताया कि फ्लैटों का रखरखाव पिछले 9 साल से नहीं हुआ था, जिससे उनकी हालत बेहद जर्जर हो गई थी.

गौरतलब है कि टायो कॉलोनी के फ्लैट धराशायी होने के बाद कंपनी द्वारा जर्जर फ्लैट्स को अयोग्य घोषित कर दिया गया है. इसके बावजूद लोग वहां रह रहे हैं, जिससे खतरे की आशंका अभी भी बनी हुई है.

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