कोलकाता, 20 सितंबर . पश्चिम बंगाल में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर बनाए गए शिविरों में शिफ्ट किया गया है. खड़गपुर, पश्चिम मेदिनीपुर में जिला प्रशासन की टीम के अलावा अन्य टीमें बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. हालांकि, बाढ़ ग्रस्त लोगों का दावा है कि उन्हें अंधेरे में रात गुजारनी पड़ रही है.
बताया जा रहा है कि करीब 6,000 लोगों को राहत शिविरों में लाया गया है, जबकि अधिकांश लोग अपने मवेशियों और सामानों की वजह से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में रह रहे हैं. यहां पर उन्हें पीने के लिए पानी और भोजन नहीं मिल रहा है.
सरकार के मुख्य सचिव से लेकर जिला अधिकारी हालात पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. प्रशासन की ओर से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरित की जा रही है.
जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि पश्चिम मेदिनीपुर जिले में करीब 10 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें से 6 हजार लोगों को बचाकर राहत शिविरों में रखा गया है.
बाढ़ की वजह से बिजली कनेक्शन को काटा गया है. इससे 80 हजार लोग प्रभावित हुए हैं. करीब ढाई लाख से अधिक किसानों की खेती प्रभावित हुई हैं. करीब एक लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है. बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, एसडीआरएफ की चार टीमें तैनात की गई हैं.
जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सौम्यशंकर सारंगी ने बताया कि 15 लोगों को सांप ने डस लिया था. सभी का इलाज किया जा रहा है.
मौके पर मौजूद अधिकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले की स्थिति बहुत खराब थी. यहां की नदियों में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर लिया था. ग्राम पंचायतों में बाढ़ देखने को मिला.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है.
कुछ जगहों पर गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी भी हुई है. सभी सुरक्षित हैं. हमारी कोशिश है कि लोगों तक रिलीफ मेटेरियल पहुंचाएं.
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने कहा था, मैंने हुगली में पुरशुरा, गोघाट-आरामबाग क्षेत्र और पश्चिम मेदिनीपुर में घाटल का दौरा किया.
साथ ही मैं, बीरभूम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासन से लगातार संपर्क में हूं. इस कड़ी में पांशकुरा, रतुलिया के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा किया. वहां के स्थानीय लोगों से बात की और उन्हें आश्वस्त किया. जिला प्रशासन दिन-रात उनके साथ है. जिनकी फसल बर्बाद हुई है, उन्हें फसल बीमा का पैसा मिलेगा.
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डीकेएम/