रांची, 13 नवंबर . झारखंड के विधानसभा चुनाव में पहले चरण के तहत राज्य की जिन 43 सीटों पर मतदान हो रहा है, वहां अति नक्सल प्रभावित माने जाने वाले इलाकों में भी वोटर बेखौफ होकर मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं.
पश्चिमी सिंहभूम जिला तहत मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय कोलबंगा स्थित मतदान केंद्र संख्या- 254 और उत्क्रमित विद्यालय रबांगा के मतदान केंद्र संख्या- 255 पर वोटरों की लंबी कतार देखी गई.
इस इलाके में नक्सलियों ने मतदान बहिष्कार के संबंध में पोस्टरबाजी की थी और मतदान का इस्तेमाल करने पर धमकी दी थी. वोटर इन धमकियों को नजरअंदाज कर लोकतंत्र के उत्सव में भागीदारी करने पहुंचे. यहां के मतदाता सुरक्षा बलों की तैनाती में निडर होकर मतदान कर रहे हैं.
गुमला जिले के कुरुमगढ़ के 7 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां झारखंड राज्य गठन के बाद पहली बार मतदान हो रहा है . अति उग्रवाद प्रभावित होने के कारण मतदाता अपने मताधिकार से वंचित रह जाते थे. इन सभी मतदान केंद्रों पर मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर उत्साहित हैं. नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले पलामू-गढ़वा के बूढ़ा पहाड़ इलाके के वोटर लोकतंत्र में अपना विश्वास दिखा रहे हैं.
एक समय जहां नक्सलियों के डर से लोग घर से बाहर नहीं निकलते थे, वे आज भारी संख्या में उत्साहित होकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले पांच वर्षों में सिंहभूम में सबसे ज्यादा नक्सली घटनाएं हुई हैं और इस बार भी माओवादी नक्सलियों ने यहां चुनाव बहिष्कार का फरमान जारी किया था, लेकिन व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त के बीच वोटर मतदान करने निकले हैं.
रांची के तमाड़ थाना के अतिनक्सल प्रभावित व सुदूरवर्ती गांव आराहांगा के लोगों ने इस बार पहली बार विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार अपने गांव के बूथ पर वोट दिया. इसके पहले नक्सलियों के प्रभुत्व वाले इस गांव में मतदान केंद्र नहीं बनाया जाता था.
पहले चरण के तहत हो रहे चुनाव में 43 सीटों पर कुल मिलाकर 15 हजार 344 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. कुल 1.37 करोड़ मतदाता 683 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम पर लिखेंगे. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 68.73 लाख और महिला मतदाताओं की संख्या 68.36 लाख है. थर्ड जेंडर के मतदाताओं की संख्या 303 है. 18-19 साल के मतदाताओं की संख्या 6.51 लाख है.
–
एसएनसी/एएस