कारगिल विजय दिवस पर सीतापुर में कैप्टन मनोज पांडेय को लोगों ने किया नमन

सीतापुर, 26 जुलाई . कारगिल युद्ध के विजय दिवस पर सीतापुर में परमवीर चक्र से नवाजे गए कैप्टन मनोज पांडेय का याद किया गया. कारगिल विजय दिवस की बरसी पर उनके पैत्रक गांव कमलापुर के रूढ़ा में उनके परिजनों के अलावा आसपास के लोगों ने शहीद कैप्टन को श्रद्धांजलि दी.

कैप्टन मनोज पांडेय के चाचा कौशल किशोर पांडेय कैप्टन मनोज पांडेय को जिद्दी और तेज तर्रार बताते हुए याद करते हैं, “यह बात सन 1999 की होने के बावजूद हर एक व्यक्ति के जेहन आज भी तरोताजा है. कैप्टन मनोज को हमने बचपन से पाला है. वह बेहद ही जिद्दी थे, जो वह ठान लेते, वह करके ही मानते थे. ये विजय इसी का परिणाम है.”

कैप्टन मनोज पांडेय के भाई अमित पांडेय ने उन्हे याद करते हुए कहा, “3 जुलाई 1999 को मेरे भाई देश के लिए शहीद हुए. मेरे भाई की शहादत को 25 साल हो गए. ड्यूटी में दुश्मन पर विजय पाने के उनके अदम्य साहस की वजह से उन्हें परमवीर चक्र से नवाजा गया. उनकी शहादत को हर कोई याद करता है. कैप्टन मनोज पांडेय के नाम से तमाम ऐसी चीजें जिले को मिलीं जो यादगार हैं. कारगिल विजय दिवस के दिन तमाम कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं.”

परिवार के एक सदस्य आदित्य पांडेय ने कहा कि यह गौरव की बात है कि कैप्टन मनोज पांडेय का जन्म सीतापुर की धरती पर हुआ. उनके कारण सभी को गर्व महसूस होता है. कारगिल विजय दिवस के दिन एनसीसी कैडेट्स द्वारा कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.

कारगिल युद्ध में ऑपरेशन विजय के दौरान शहीद हुए कैप्टन मनोज पांडेय की शहादत इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज है. उनकी शहादत देश के साथ ही उनके सीतापुर जिले के कमलापुर स्थित पैतृक गांव रूढ़ा के भी लोग बड़ी ही शान से याद करके गौरव की अनुभूति करते हैं. कारगिल विजय दिवस के मौके पर यहां के लोगों का कहना है कि कैप्टन मनोज द्वारा दी गई शहादत हमेशा याद की जाती रहेगी. उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार व गांव का नाम रोशन किया, बल्कि समूचे देश को गौरवान्वित करने का काम किया. उनके अदम्य साहस और वीरता से हमेशा प्रेरणा लेनी चाहिए.

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