नवकार महामंत्र दिवस पर पीएम मोदी का संबोधन ऐतिहासिक, जैन समुदाय के लोगों ने जताया आभार

अहमदाबाद, 11 अप्रैल . जैन समाज के भव्य कार्यक्रम नवकार महामंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति और उनका संबोधन ऐतिहासिक बन गया. इस कार्यक्रम में जैन समाज के प्रमुख सदस्य, देश-विदेश से जुड़े अनुयायी और करोड़ों श्रद्धालु जुड़े. प्रधानमंत्री ने जैन धर्म की गहराई, उसकी वैज्ञानिकता और जीवन मूल्यों को जिस अंदाज़ में प्रस्तुत किया, उसने हर किसी को गहराई से प्रभावित किया.

मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर वैभव शाह ने प्रधानमंत्री के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए से कहा, “जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब से हम उनके काम को नजदीक से देखते आ रहे हैं. अब जब वह प्रधानमंत्री हैं, तब भी हम उन्हें देख रहे हैं. उन्होंने जैन धर्म को जिस बारीकी से समझा है, ऐसा लगता है कि वह न केवल उसका सम्मान करते हैं बल्कि उसे जीते भी हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम के मंच को मंदिर का स्वरूप दिया. उन्होंने चप्पल उतारकर प्रवेश किया और विज्ञान भवन को ‘विज्ञान व धर्म’ का संगम बना दिया. पीएम ने बताया कि जैन धर्म पूरी तरह वैज्ञानिक है, हर बात को रिसर्च के साथ समझाया. जो 9 संकल्प उन्होंने बताए, वे हमारे धर्म से पूरी तरह मेल खाते हैं.

एसएएल हॉस्पिटल के चेयरमैन राजेन्द्र शाह ने भी प्रधानमंत्री के भाषण की सराहना की. उन्होंने से कहा, “ऐसा आयोजन कभी नहीं हुआ था. न भूतो न भविष्यति जैसा आयोजन था, जिसमें प्रधानमंत्री स्वयं उपस्थित रहे. उन्‍होंने जो बातें कहीं, वह कोई आम व्यक्ति नहीं कह सकता. ऐसा भाषण केवल एक ‘युग पुरुष’ ही दे सकता है.”

उन्होंने 2003 में मोदी को “युग पुरुष” की संज्ञा दी थी और आज यह बात सिद्ध होती नजर आ रही है. उन्होंने कहा, “जो नौ संकल्प पीएम मोदी ने बताए, अगर हर नागरिक उन्हें अपनाए, तो देश को नंबर 1 बनने से कोई नहीं रोक सकता.”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन न केवल जैन समाज के लिए गौरव का विषय रहा, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति, धर्म और विज्ञान का समन्वय किस प्रकार विश्व कल्याण का संदेश बन सकता.

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