मुकेश सहनी जैसे लोग शॉर्टकट राजनीति की उपज : राजीव रंजन

पटना, 25 सितंबर . बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक उठापटक का दौर शुरू हो गया है. चुनावों की तैयारियों के बीच वीआईपी पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने सीएम नीतीश कुमार को बूढ़ा कहा. इस पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने मुकेश सहनी को शॉर्टकट राजनीति की उपज बताया है.

उन्होंने से बात करते हुए कहा, “मुकेश सहनी की उम्र कम जरूर हो सकती है, लेकिन नीतीश कुमार आज भी उनसे ज्यादा मानसिक रूप से चैतन्य, ऊर्जावान, फुर्तीले हैं. वह उनसे ज्यादा विवेकपूर्ण निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने बिहार को बदला है. बिहार का कायाकल्प नीतीश कुमार की अगुवाई में हुआ है. बिहार की जनता उनके शतायु होने की कामना करती है. जहां तक मुकेश सहनी जैसे नेताओं की बात है, तो मैं उन्हें राजनीतिक अब्सेंस की उपज मानता हूं. शॉर्टकट पॉलिटिक्स के रास्ते से कुछ लोग निकलकर आते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “उन लोगों को ऐसा लगता है कि उनके पास किसी के लिए कुछ भी बोलने का अधिकार है. उन्हें जोड़-तोड़ की राजनीति में सीटें तो मिल गईं लेकिन लेकिन इसका नतीजा सिफर रहा. वह बड़ी बातें करते हैं, वह पहले बिहार को समझें. वह अपने हिस्से की एक सीट तक बचा नहीं पाए. उन्होंने बिहार में रहने की जरूरत भी महसूस नहीं की. वह अपना खून-पसीना मुंबई के लिए बहाकर अब बिहार में नसीहत देने आए हैं. मुकेश सहनी जैसे नेताओं को लंबी राजनीति करनी है तो ऐसे बयानों से बचना चाहिए. ऐसे अपमान को बिहार एकदम सहन नहीं करेगा.”

बता दें कि दरभंगा में एक कार्यक्रम के दौरान वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने एक बैठक की थी. बैठक के दौरान उन्होंने नीतीश कुमार को ‘बूढ़ा’ कहा था. उन्होंने कहा था जिस तरह के वह बयान देते हैं, वह उनकी बढ़ती उम्र की पुष्टि करता है. उन्हें अब ‘हैप्पी एंडिंग’ कर लेना चाहिए.

इसके अलावा मुकेश सहनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके कार्यक्रम की जानकारी दी थी. इस पोस्ट में मुकेश सहनी ने लिखा था, ”दरभंगा में वीआईपी आईटी सेल पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित किया. बैठक में हमारी डिजिटल सेना को सशक्त बनाने के लिए तकनीकी ज्ञान और नई रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की गई. युवाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लकी ड्रॉ कूपन के माध्यम से उपहार स्वरूप मोबाइल फोन वितरित किए गए, ताकि वे डिजिटल तकनीक का बेहतर उपयोग कर सकें और अपने कौशल को विकसित कर सकें.”

पीएसएम/जीकेटी