नई दिल्ली, 22 अक्टूबर . नई दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है. घरों के बाहर लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. मंगलवार को से बात करते हुए लोगों ने अपनी तकलीफ जाहिर की.
राहगीर दिलीप कुमार सिंह ने को बताया कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से निजात पाने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में पेड़-पौधे लगाने चाहिए. वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों का ज्यादा उपयोग करना चाहिए. रोड पर निकलने के बाद सांस लेने में परेशानी उठानी पड़ती है. घर में थोड़ी राहत रहती है.
एक अन्य राहगीर सूरज कुमार ने बताया कि अभी प्रदूषण सिर्फ 50 प्रतिशत देखने को मिल रही है, लेकिन दीपावली के बाद इसमें और इजाफा होगा. अभी ही सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. दिल्ली सरकार को इस मुद्दे पर अच्छे से काम करना चाहिए.
दिल्ली निवासी एक महिला ने को बताया कि वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा है, लगातार धूल-मिट्टी उड़ रही है. लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. लोगों को खांसी-जुकाम हो रहा है. बीमारी से बचने के लिए मास्क लगाकर चलना पड़ रहा है.
बता दें कि सर्दियों के आते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भी अधिक होने लगता है. इसी क्रम में मंगलवार को सुबह 8.30 बजे तक दिल्ली का औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 317 अंक दर्ज किया गया, जो बेहद गंभीर श्रेणी में आता है.
केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली में मंगलवार सुबह 8:30 बजे तक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 317 अंक पर बना हुआ है. दिल्ली एनसीआर के अलग-अलग स्थानों की बात करें तो शहर फरीदाबाद में 156, गुरुग्राम में 221, गाजियाबाद में 263, ग्रेटर नोएडा में 276 और नोएडा में 246 अंक दर्ज किया गया.
चिंताजनक बात यह है कि राजधानी दिल्ली के अधिकांश और ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 300 से ऊपर और 400 के बीच में बना हुआ है, जो बेहद खराब श्रेणी मानी जाती है.
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एससीएच/एएस