शिमला, 17 सितंबर . हिमाचल सरकार इन दिनों आर्थिक संकट से जूझ रही है. प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की वेतन पर संकट बना हुआ है. इसी बीच प्रदेश के पेंशनभोगियों ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया है.
शिमला में मंगलवार को पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के शिमला इकाई ने बैठक की. बैठक में यह तय किया गया कि 20 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों व स्थानीय स्तर पर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा.
पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आत्माराम शर्मा ने बताया कि एसोसिएशन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से 15 सितंबर तक मिलने का समय मांगा था. लेकिन, मुख्यमंत्री ने समय नहीं दिया, जिसके बाद एसोसिएशन की ओर से सरकार के खिलाफ 20 सितंबर को प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया.
आत्माराम शर्मा ने कहा कि 20 तारीख को किन्नौर से लेकर सिरमौर तक, लाहौल से लेकर चंबा तक पूरे प्रदेश भर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि लंबे समय से पेंशनर्स जीसीसी के गठन की मांग कर रहे हैं, इसके साथ ही जेसीसी में पेंशनर्स को भी शामिल किया जाए. पेंशनरों के मुद्दे के लिए जेसीसी एक अहम मंच है, लेकिन सरकार ने अभी तक जेसीसी का गठन नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि वित्तीय मुद्दों के अलावा जेसीसी में प्रशासनिक मुद्दों पर भी पेंशनर्स की चर्चा होती है. सरकार ने पेंशनर्स को ना तो वार्ता के लिए बुलाया और न ही जेसीसी के गठन का आश्वासन दिया, जिसके चलते उन्होंने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के पेंशनरों के मेडिकल बिल लंबे समय से लंबित हैं. जनवरी 2016 से दिसंबर 2021 तक रिटायर हुए कर्मचारियों को पेंशन का पूरा लाभ नहीं मिला है. सरकार की कार्यशैली के चलते पेंशनरों में रोष है.
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पीएसके/जीकेटी