New Delhi, 30 सितंबर . India की President द्रौपदी मुर्मू ने Tuesday को President भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में President अंगरक्षक (पीबीजी) को डायमंड जुबली सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर प्रदान किया.
यह सम्मान पीबीजी को उसकी 1950 में President अंगरक्षक के रूप में नामित होने के बाद 75 वर्षों की गौरवशाली सेवाओं की मान्यता में दिया गया.
समारोह के दौरान 2022 में सेवा से संन्यास लेने वाला ‘वीराट’, कमांडेंट का घोड़ा भी विशेष रूप से मौजूद रहा. संन्यास के बाद पीबीजी ने ‘वीराट’ को अपने साथ अपनाया हुआ है. यह सैनिकों और उनके घोड़ों के बीच गहरे संबंध का प्रतीक माना जा रहा है.
President कार्यालय ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “President द्रौपदी मुर्मू ने President भवन में आयोजित एक समारोह में President गार्ड को डायमंड जुबली सिल्वर तुरही और तुरही का झंडा भेंट किया. यह सम्मान 1950 में रेजिमेंट को पीबीजी का दर्जा मिलने के बाद से 75 वर्षों की उनकी शानदार सेवा के लिए दिया गया है.”
गौरतलब है कि 26 जनवरी 2022 को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान Prime Minister Narendra Modi ने भी ‘वीराट’ को स्नेहपूर्वक थपथपाया था.
इस अवसर पर संक्षिप्त उद्बोधन में President द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि हमें President अंगरक्षक पर गर्व है. उन्होंने पीबीजी को उनकी पेशेवर उत्कृष्टता और सर्वोत्तम सैन्य परंपराओं के पालन के लिए बधाई दी. उन्होंने विश्वास जताया कि इस सम्मान के साथ एक बड़ी जिम्मेदारी भी जुड़ी है, जिसे अंगरक्षक पूरी निष्ठा से निभाएंगे.
President अंगरक्षक भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट है, जिसे वर्ष 1773 में गवर्नर-जनरल बॉडीगार्ड (बाद में वायसराय बॉडीगार्ड) के रूप में स्थापित किया गया था. 27 जनवरी 1950 को इसका नाम बदलकर President अंगरक्षक कर दिया गया.
India के प्रथम President डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 14 मई 1957 को President अंगरक्षक को अपना सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर प्रदान किया था. खास बात यह है कि पीबीजी भारतीय सेना की एकमात्र ऐसी रेजिमेंट है, जिसे दो ‘स्टैंडर्ड्स’ रखने की अनुमति है: President का स्टैंडर्ड ऑफ बॉडीगार्ड और रेजिमेंटल स्टैंडर्ड ऑफ द पीबीजी.
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पीएसके/डीकेपी