काम के घंटों की बजाय आउटपुट मायने रखता है : पवन गोयनका

नई दिल्ली, 11 जनवरी . दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ की शुरुआत हो गई है. देश भर से युवा इसमें शामिल हुए हैं. आगामी 12 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं के विचारों को सुनेंगे. इस कार्यक्रम में उद्यमी, फिल्म प्रोड्यूसर, खेल जगत के सितारे भी पहुंचे थे.

कुछ प्रतिभागियों से शनिवार को ने बातचीत की. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के गर्वनिंग बॉडी के चेयरमैन पवन गोयनका ने कहा कि इस कार्यक्रम में तीन हजार युवा आए हैं. यहां आकर युवाओं ने काफी कुछ सीखा है. कल (रविवार को) प्रधानमंत्री के संबोधन से यकीकन वे बहुत कुछ सीखेंगे. उनमें जो लीडरशिप की क्वालिटी है, उसमें काफी निखार आएगा.

उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं कि हम विकसित भारत बनेंगे. इसमें युवाओं का रोल बहुत अहम है और उनके योगदान से ही हम विकसित भारत के सपने को साकार कर सकते हैं. आज जो युवा 20 से 25 साल के हैं, वे 2047 में 50 साल के होंगे. यही लोग देश चलाएंगे. हम आगे बढ़ेंगे.”

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कितने घंटे काम कर रहे हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए. बल्कि फर्क इससे पड़ना चाहिए कि हम जो काम कर रहे हैं, उससे कितना प्रभाव पड़ता है. अगर घंटों काम कर रहे हैं, लेकिन उसका कोई आउटपुट नहीं निकलता है तो घंटों काम करने से कोई फायदा नहीं होता है.

फिल्म निर्माता रोनी स्क्रूवाला ने ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ कार्यक्रम के बारे में कहा, “मुझे लगता है कि मैंने यहां जो देखा है, उसका मुख्य बिंदु विविधता है. जिस बात ने मुझे प्रभावित किया है. यही भारत की पहचान है. युवा हमारे देश की धड़कन हैं. यह अविश्वसनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी कल युवाओं से बात करेंगे. मुझे पता है कि जब वह सुनते हैं तो वह आगे से नेतृत्व करते हैं. साथ में प्रतिक्रिया भी देते हैं.”

कितने घंटे काम करने चाहिए के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं युवा भारत को बताने की जरूरत नहीं है कि उन्हें क्या करना है. इसका मतलब यह नहीं है कि आप काम में कटौती करेंगे. मेहनत करना जरूरी है.

‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग’ पर ओयो रूम्स के सीईओ रितेश अग्रवाल ने कहा, “मेरा मानना है कि भारत के युवाओं के लिए यह बहुत बड़ा अवसर है. शायद देश में पहली बार, चाहे आप किसी भी गांव या शहर में हों, अगर आपके पास कोई ऐसा विचार है जो ‘विकसित भारत’ बनाने में योगदान दे सकता है, तो उस विचार को सीधे हमारे प्रधानमंत्री के सामने पेश करने का मौका है. मुझे लगता है यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है. उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प के लिए हर देशवासी दिल से काम कर रहे हैं.”

डीकेएम/एकेजे