ग्रेटर नोएडा, 4 फरवरी . पिछले कुछ समय से, पतंजलि ग्रुप यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अपने औद्योगिक विस्तार को तेजी से बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने मंगलवार को यमुना प्राधिकरण का दौरा किया, जहां उन्होंने पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क की आगामी योजनाओं पर चर्चा की.
यह प्रमुख परियोजना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से विकसित की जा रही है. इस पार्क में एक अत्याधुनिक डेयरी प्लांट और औद्योगिक प्रमोशन हब स्थापित किया जाएगा, जिससे स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क में 1,600 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को नया आयाम मिलेगा. यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘इन्वेस्ट यूपी’ मिशन के अनुरूप है. पूरी तरह से कार्यशील होने पर, इस परियोजना से 3,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे क्षेत्र के लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा.
उन्होंने बताया कि पतंजलि ग्रुप पहले से ही एक औद्योगिक पार्क विकसित कर रहा है, जिसमें छोटे और मध्यम आकार के उद्योगों को सब-लीज के माध्यम से औद्योगिक स्पेस उपलब्ध कराया जा रहा है. आगामी फूड एंड हर्बल पार्क इस पहल को और मजबूती देगा, जिससे एफएमसीजी, आयुर्वेद, डेयरी और हर्बल उद्योगों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा और स्थानीय स्तर पर औद्योगिक आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन मिलेगा.
औद्योगिक पार्क के दौरे के बाद आचार्य बालकृष्ण यमुना प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने सीईओ अरुणवीर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की.
अरुणवीर सिंह ने कहा कि औद्योगिक परियोजनाओं को समर्थन देना, बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना यमुना प्राधिकरण की प्राथमिकता है.
उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र के विकास को संतुलित और समावेशी रूप से आगे बढ़ाने के लिए सभी परियोजनाओं की कड़ी निगरानी की जाएगी, ताकि स्थानीय व्यापारियों और उद्योगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके. यह परियोजना यमुना प्राधिकरण की स्थिति को उत्तर भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में और मजबूत करेगी. बुनियादी ढांचे, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास पर केंद्रित यह पहल नए निवेश आकर्षित करेगी, स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देगी और उत्तर प्रदेश की औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान करेगी.
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पीकेटी/एबीएम