झारखंड की पार्वती तिर्की को ‘फिर उगना’ कविता-संग्रह के लिए हिंदी का साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार

रांची, 18 जून . झारखंड की पार्वती तिर्की को उनके हिंदी कविता संग्रह ‘फिर उगना’ के लिए वर्ष 2025 के साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के लिए चुना गया है. बुधवार को अकादमी की ओर से इसकी घोषणा हुई.

झारखंड के कुडुख आदिवासी समुदाय से आने वाली पार्वती तिर्की रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत राम लखन सिंह यादव कॉलेज में हिंदी विभाग में सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं.

29 वर्षीया पार्वती तिर्की मूल रूप से झारखंड के गुमला जिले की रहने वाली हैं. उनकी आरंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय, गुमला में हुई. इसके बाद उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से हिन्दी साहित्य में स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की और उसके बाद वहीं के हिन्दी विभाग से ‘कुडुख आदिवासी गीत : जीवन राग और जीवन संघर्ष’ विषय पर पी-एचडी की डिग्री हासिल की.

‘फिर उगना’ पार्वती तिर्की की पहली काव्य-कृति है जो वर्ष 2023 में राधाकृष्ण प्रकाशन से प्रकाशित हुई थी. डॉ. पार्वती तिर्की को इससे पूर्व ‘विष्णु खरे युवा कविता सम्मान’ 2025 से नवाजा जा चुका है. यह सम्मान कविता के क्षेत्र में उनके बेहतर योगदान के लिए दिया गया है.

डॉ. पार्वती तिर्की ने अपनी इस किताब में आदिवासी जीवन को उकेरा है. पार्वती तिर्की ने से कहा, ”मैंने कविताओं के माध्यम से संवाद की कोशिश की है. मुझे खुशी है कि इस संवाद का सम्मान हुआ है. संवाद के जरिए विविध जनसंस्कृतियों के मध्य तालमेल और विश्वास का रिश्ता बनता है. इसी संघर्ष के लिए लेखन है, इसका सम्मान हुआ है तो आत्मविश्वास बढ़ा है.”

पार्वती की विशेष अभिरुचि कविताओं और लोकगीतों में है. वे कहानियां भी लिखती हैं. उनकी रचनाएं हिन्दी की कई प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और वेब-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं.

उल्लेखनीय है कि इस साल के साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के नामों की घोषणा साहित्य अकादमी ने बुधवार को की है. विभिन्न भाषाओं में कुल 23 युवाओं का चयन इस पुरस्कार के लिए किया गया है.

एसएनसी/एबीएम