राज्यपाल के जरिये सिद्धारमैया सरकार को अस्थिर करने की कोशिश, पार्टी आलाकमान हमारे साथ : डीके शिवकुमार

नई दिल्ली, 24 अगस्त . कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा कि उन्होंने एमयूडीए (मुडा) मामले में राज्यपाल थावरचंद गहलोत के ‘असंवैधानिक’ कदम से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करा दिया है.

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कर्नाटक की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर बैठक के बाद राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की है. वे हमारे साथ खड़े हैं और हमारा समर्थन कर रहे हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि यह न केवल मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ है, बल्कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ भी है, जिसने गारंटी को कुशलतापूर्वक लागू किया है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरी पार्टी एकजुट होकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पीछे खड़ी है. उन्होंने हमें साहस के साथ लड़ने और गरीबों की सहायता के लिए संघर्ष जारी रखने के लिए कहा है. राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पूरी पार्टी सिद्धारमैया के साथ खड़ी है.

वहीं कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा और जनता दल पर राज्यपाल के माध्यम से निर्वाचित कर्नाटक सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया.

सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि, “कर्नाटक की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर हमने आलाकमान के साथ विस्तार से चर्चा की गई. कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बताया कि कैसे भाजपा और जनता दल ने निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के लिए राज्यपाल का उपयोग कर रही है. यह संविधान पर एक व्यवस्थित और सुनियोजित हमला है. यह कांग्रेस की पांच गारंटी पर एक भयावह हमला है, जो पारदर्शी तरीके से चार करोड़ से अधिक प्रदेशवासियों को सालाना 53,000 हजार करोड़ हस्तांतरित करती है.”

कर्नाटक प्रभारी सुरजेवाला ने कहा कि, “राज्यपाल का आदेश संवैधानिक रूप से गलत है. हम इसे अदालत में और लोगों की अदालत में भी लड़ेंगे. लोगों की अदालत पहले ही फैसला कर चुकी है. हमें संविधान पर पूरा भरोसा है. हमें विश्वास है कि कानून हमारे पक्ष में है और उच्च न्यायालय उचित निर्णय लेगा.”

दरअसल कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है.

दरअसल, सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई ने कुछ जमीन गिफ्ट के तौर पर दी थी. यह जमीन मैसूर जिले के कैसारे गांव में स्थित है. बाद में इस जमीन को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) ने अधिग्रहित कर ल‍िया, और इसके बदले पार्वती को विजयनगर इलाके में 38,223 वर्ग फीट के प्लॉट दे दिए गए.

आरोप है कि दक्षिण मैसूर के प्रमुख इलाके में मौजूद विजयनगर के प्लॉट की कीमत कैसारे गांव की उनकी मूल जमीन से बहुत ज्यादा है. इसी को लेकर सिद्धारमैया भ्रष्टाचार के आरोप में घिर गए हैं.

एकेएस/जीकेटी