मुंबई, 25 सितंबर . भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन (आईएमएफ) की ओर से मंगलवार को मुंबई में आयोजित “हमारी धरोहर: एकता और सेवा का उत्सव” कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र के पारसी समुदाय के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लंबे और स्वस्थ जीवन और उनके नेतृत्व में भारत की प्रगति और समृद्धि की कामना की.
कार्यक्रम का आयोजन पीएम मोदी के जन्मदिन को मनाने के लिए 17 सितंबर से शुरू होने वाले सेवा पखवाड़े के तहत किया गया. इस दौरान पारसी समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई पहल ‘एक पौधा मां के नाम’ अभियान में हिस्सा लिया और पौधे लगाकर धरती माता को श्रद्धांजलि दी.
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद और आईएमएफ के संयोजक सतनाम सिंह संधू भी मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान पारसी समुदाय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले 10 वर्षों के दौरान पारसी समुदाय और देश के सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लिए किए गए कार्यों के लिए आभार भी जताया.
पारसी समुदाय के सदस्यों ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों में भी अल्पसंख्यक होने के बावजूद वह पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत में खुशी से रह रहे हैं. दुनिया के अन्य हिस्सों में उत्पीड़न का सामना करने के बावजूद पारसी लोगों को भारत में एक सुरक्षित आश्रय मिला है और पीएम मोदी के नेतृत्व में विभिन्न क्षेत्रों में समृद्ध हो रहे हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में पारसी समुदाय ने अभूतपूर्व विकास देखा है.
इस बीच आईएमएफ के संयोजक सतनाम सिंह संधू ने कहा, “पीएम मोदी ने भारत में पारसी समुदाय की आबादी में गिरावट को रोकने के लिए जियो पारसी योजना जैसी महान पहल की है.“
उन्होंने कहा, “भारत में पारसी आबादी को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2014 में शुरू की गई जियो पारसी योजना, हमारी आबादी में गिरावट को रोकने की एक महत्वाकांक्षी योजना है और इसने सफलता दिखानी शुरू कर दी है. जनसंख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पारसी समुदाय की आबादी 57,264 से बढ़कर 71,000 हो गई है. विलुप्त होने का सामना कर रहे पारसी समुदाय के लिए बहुत अच्छी खबर है. मोदी सरकार ने जियो पारसी योजना पोर्टल भी शुरू किया है, इससे अधिक से अधिक पारसी जोड़े ऑनलाइन आवेदन करके योजना का लाभ उठा सकेंगे और ऑनलाइन वित्तीय सहायता प्राप्त भी कर सकते हैं.“
संधू ने कहा, “सालाना 15 लाख रुपये से कम पारिवारिक आय वाले पारसी जोड़े, जिनके 2017-18 के बाद कोई बच्चा है, उन्हें भी 18 वर्ष की आयु तक प्रत्येक बच्चे के लिए 8,000 रुपये प्रति माह मिल रहे हैं. इसके अलावा प्रत्येक बुजुर्ग आश्रित (60+ वर्ष) को बच्चे के जन्म के बाद से लेकर उनके जीवन काल तक 10,000 रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है. इस योजना के लिए 60 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो 2025-26 तक जारी रहेगा. यह मोदी सरकार की एक और बेहतरीन पहल है. भारत में पारसी समुदाय द्वारा हासिल किया गया विकास दिखाता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में अल्पसंख्यक समुदायों को भारत के विकास में समान भागीदार बनाया गया है.”
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