संसद सुरक्षा चूक मामला : आरोपी नीलम आजाद और महेश कुमावत को मिली सशर्त जमानत

नई दिल्ली, 2 जुलाई . 13 दिसंबर 2023 को संसद में हुई सुरक्षा चूक के मामले में आरोपी नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत मिल गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को नीलम आजाद और महेश कुमावत की जमानत पर अपना फैसला सुनाया. हालांकि अदालत ने आरोपियों को जमानत देने के साथ कुछ शर्तें भी लगाई हैं.

मामले में न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने बुधवार को आदेश पारित किया. जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि नीलम आजाद और महेश कुमावत जमानत की अवधि के दौरान मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे और सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट नहीं करेंगे.

हाईकोर्ट ने जमानत की शर्तों में ये भी कहा है कि नीलम आजाद और महेश कुमावत दिल्ली नहीं छोड़ेंगे. उन्हें हर सोमवार और बुधवार को संबंधित पुलिस स्टेशन में हाजिरी देनी होगी.

दिल्ली पुलिस ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध किया था, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 20 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सुनाया गया है.

13 दिसंबर 2023 को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सुरक्षा में चूक की घटना हुई थी. नीलम आजाद अपने कुछ साथियों (सागर शर्मा और मनोरंजन) के साथ संसद भवन पहुंची थी. संसद की कार्यवाही के दौरान भवन की विजिटर गैलरी से सागर शर्मा और मनोरंजन अचानक चैंबर में कूदे. उनमें से एक ने डेस्क के ऊपर चढ़कर अपने जूतों से कोई वस्तु निकाली, जिससे पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना से सदन में अफरातफरी मच गई.

हंगामे के बीच कुछ सांसदों ने आरोपियों को पकड़ लिया, जिसके बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इसी दौरान संसद भवन के बाहर भी दो अन्य व्यक्तियों को पकड़ा गया, जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.

पूरे घटनाक्रम में नीलम की भूमिका एक साजिशकर्ता के रूप में रही है और संसद के बाहर उसने नारे लगाए थे. महेश कुमावत पर आरोपियों की मदद करने के आरोप लगे. अन्य आरोपियों के साथ पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार किया था.

डीसीएच/एएस