कोलकाता, 13 सितंबर . कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने Saturday को दुर्गा पूजा समितियों को स्पष्ट निर्देश जारी किया कि जो भी पार्क पूजा मंडप के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे, उन्हें विजयादशमी के 14 दिनों के भीतर आम लोगों के लिए खोलना अनिवार्य होगा.
केएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि जब पूजा समितियों को पार्क में मंडप बनाने की अनुमति दी जाती है, तभी से यह शर्त लागू होती है कि पूजा खत्म होने के बाद पार्क को जल्दी से जल्दी आम लोगों के उपयोग के लिए खोल दिया जाए.
नगर निगम ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि पिछले वर्षों में देखा गया कि दुर्गा पूजा के बाद कई पार्क लंबे समय तक बंद रहते हैं. पूजा समितियां मंडप और उसके ढांचे को हटाने में देरी करती हैं, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी होती है.
स्थानीय निवासियों ने केएमसी से कई बार शिकायत की है कि पार्क बंद होने से बुजुर्गों की सैर और बच्चों के खेलने की जगह बाधित होती है. विशेष रूप से बांस और अन्य निर्माण सामग्री के कारण पार्क में चलना मुश्किल हो जाता है.
इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक और केएमसी में गार्डन विभाग के मेयर-इन-काउंसिल, देवाशीष कुमार ने पहल की है. उन्होंने पूजा समितियों को मौखिक आदेश के जरिए यह निर्देश दिया है कि अगर किसी पार्क में मंडप बनाया गया है, तो उसे विजयादशमी के 14 दिन के अंदर पूरी तरह हटा लिया जाए.
देवाशीष कुमार ने कहा, “पार्क आम जनता की संपत्ति हैं. पूजा करने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन शर्तों के तहत तय समय पर पार्क को आम लोगों को लौटाना होगा. इस बार नियम न मानने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.”
उन्होंने यह भी कहा, “दुर्गा पूजा के बाद कई पार्कों में काली पूजा भी आयोजित होती है. यदि मंडप समय पर नहीं हटे, तो काली पूजा की तैयारियां भी प्रभावित होंगी. इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार दो हफ्ते की समय सीमा तय की गई है.”
हर साल यह देखा गया है कि कुछ प्रमुख पार्क जैसे जगत मुखर्जी पार्क, कुम्हारटोली पार्क, देशप्रिया पार्क, खिदिरपुर 25 पल्ली, संतोष मित्रा स्क्वायर, प्रतापादित्य रोड त्रिकोण पार्क और जतिन दास पार्क में पूजा के बाद भी लंबे समय तक ढांचे बने रहते हैं.
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