नई दिल्ली, 23 दिसंबर . औषधीय गुणों से भरपूर पारिजात, हरसिंगार या शेफालिका को आयुर्वेद में स्वास्थ्य का खजाना माना जाता है. पारिजात में ना केवल हड्डियों के दर्द से निजात दिलाने का गुण होता है बल्कि सर्दी-जुकाम के लिए भी यह रामबाण माना जाता है.
जीवक आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर, चंदौली के बीएएमएस के छात्र कृष्णानंद तिवारी ने आयुर्वेद में पारिजात के महत्व के बारे में बात की. कृष्णानंद ने बताया, “आयुर्वेद में पारिजात का महत्वपूर्ण स्थान है. इसके पत्ते, फूल, छाल औषधि के रूप में उपयोग किए जाते हैं.”
उन्होंने बताया, “पारिजात के पत्तों का बना काढ़ा सर्दी-जुकाम में रामबाण माना जाता है और यह एलर्जी से मुक्ति भी दिलाता है. पारिजात बुखार, जोड़ों के दर्द, त्वचा रोग और अनिद्रा जैसी बीमारियों में लाभकारी माना जाता है. पारिजात के पत्तों से बनी चाय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है. सर्दियों में यदि आपको जुकाम हो गया है तो घबराने की जरुरत नहीं है, बस आपको पारिजात के पत्तों से बना काढ़ा पीना है.
कृष्णानंद ने बताया कि पारिजात का काढ़ा पीना काफी फायदेमंद होता है और यह शरीर को गर्मी भी देता है. उन्होंने बताया कि काढ़ा बनाने के लिए गर्म पानी में पारिजात के पत्तों को 10 से 15 मिनटों तक खौलाना है और इसके बाद इसमें थोड़े नमक के साथ काली मिर्च को डालना है. जुकाम से पीड़ित व्यक्ति को यह गर्म काढ़ा पीना चाहिए. इससे काफी राहत मिलती है.
अस्थमा और सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए पारिजात काफी लाभदायी रहा है. सूखी खांसी से राहत के लिए पारिजात के फूलों और पत्तों से बनी चाय का सेवन करना फायदेमंद होता है. यह अस्थमा के लक्षणों को भी कम करने में मदद करेगा. आप चाहें तो इस चाय में एक चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं. स्वाद भी बेहतर होगा.
पारिजात के कई लाभ होते हैं. इसमें ई.कोली जैसे कीटाणुओं से लड़ने की क्षमता होती है. जो वायरल और फंगल इंफेक्शन का कारण बनते हैं. हरसिंगार के फूलों और पत्तों का सेवन कर ना केवल बुखार से राहत पा सकते हैं बल्कि स्किन से जुड़ी एलर्जी या स्किन प्रॉब्लम को भी दूर कर सकते हैं.
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एमटी/एएस