नई दिल्ली, 14 जून . दिल्ली के प्रतिष्ठित स्कूल डीपीएस द्वारका से 31 बच्चों के नाम काटने का विवाद खत्म नहीं हो रहा है. बच्चों के नाम वापस नहीं लिए जाने पर अभिभावक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. शनिवार को सैकड़ों की संख्या में अभिभावकों ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया और स्कूल प्रशासन के रवैये की कड़ी निंदा की.
हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद डीपीएस द्वारका स्कूल ने अब तक उन 31 छात्रों के नाम बहाल नहीं किए हैं, जिन्हें मनमानी फीस न भरने पर निष्कासित कर दिया गया था. जंतर मंतर पर जुटे अभिभावकों ने पोस्टर और बैनरों के जरिए स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. अभिभावकों का आरोप है कि हाईकोर्ट ने छात्रों के निष्कासन को रद्द कर उन्हें फिर से स्कूल में शामिल करने का आदेश दिया था, लेकिन डीपीएस द्वारका ने अब तक छात्रों को न तो क्लास में दाखिल होने दिया, न ही होमवर्क दिया और न ही शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल किया.
एक अभिभावक सोमेंद्र यादव ने कहा कि मेरे बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं. डीपीएस द्वारका स्कूल में बच्चों का शोषण हो रहा है, उसके खिलाफ हम लोग प्रदर्शन करने आए हैं. डीपीएस द्वारका हाईकोर्ट और सरकार के किसी ऑर्डर को नहीं मान रहा है. सरकार की ओर से 15 आदेश आए, कोई पालन अभी तक नहीं किया. हमारी मांग है कि डीपीएस द्वारका स्कूल को सरकार अपने हाथों में ले.
उन्होंने कहा, “हम शिक्षा मंत्री से मिल चुके हैं. अपनी मांग रख चुके हैं. शिक्षा मंत्री ने जिलाधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई थी. जांच में स्कूल की लाइब्रेरी में बच्चों को पकड़कर रखने की घटना सामने आई. वाइस-चांसलर की अध्यक्षता में भी एक कमेटी बनी थी, जिसने स्कूल प्रशासन को गलत ठहराया था. इसके बावजूद जमीनी स्तर पर हमें कोई राहत नहीं मिली है. बच्चों का उत्पीड़न लगातार जारी है.”
उत्तम नगर की रहने वाली ज्योति का बेटा भी उन बच्चों में शामिल है, जिसका स्कूल प्रशासन ने नाम काटा था. ज्योति का कहना है कि उनका बेटा इस स्कूल में पढ़ता है. कुछ दिन पहले स्कूल से एक ईमेल आया था, जिसमें बच्चे का नाम काटने का जिक्र था. हाईकोर्ट का ऑर्डर आ चुका है कि बच्चों के नाम वापस लिए जाएं, लेकिन स्कूल प्रशासन ने अभी तक बच्चों का नाम वापस नहीं लिया है.
उन्होंने कहा कि बच्चों का मानसिक उत्पीड़न हो रहा है. हमारी यही मांग है कि डीपीएस द्वारका स्कूल को टेकओवर हो और सरकार इसे अपने हाथों में ले.
–
डीसीएच/केआर