पटना, 19 अक्टूबर . बिहार में शराबबंदी को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता इसको लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. आरोप-प्रत्यारोप का यह दौर बिहार के कुछ जिलों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत के बाद शुरू हुआ. इस बीच सांसद पप्पू यादव ने शनिवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेताओं पर हमला बोला.
से बात करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि अगर बिहार सरकार का शराबबंदी कानून फेल हो रहा है, तो इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है. मेरा सवाल बिहार में जहरीली शराब पीकर मर रहे गरीब लोगों को लेकर है. सरकार इसे रोकने के लिए अलग से कोई प्रावधान क्यों नहीं करती? जहरीली शराब पीने से लोग पहले भी मरते थे. देशभर में जहरीली शराब पीकर लोग मर रहे हैं. जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी, तब भी जहरीली शराब से लोग मर रहे थे. सीमा सील करने से जहरीली शराब की बिक्री नहीं रुकने वाली है. क्योंकि जहरीली शराब बनाने वाले लोग बिहार के ही हैं. इसे बनाने वाले और बेचने वाले दोनों ही बिहार के ही हैं.
उन्होंने कहा कि हमने सरकार से कई बार कहा है कि वे केरल और तमिलनाडु की तरह जहरीली शराब की बिक्री रोकने के लिए कानून क्यों नहीं लाते. इस पर कानून बनाया जाए और जो भी लोग इसमें शामिल हैं, उन्हें कानून के तहत आजीवन कारावास की सजा दी जाए. जिस इलाके से जहरीली शराब के मामले आ रहे हैं, उस इलाके के पूरे थाने को बर्खास्त किया जाए. डीएसपी और एसपी के खिलाफ जांच कराई जाए. जब तक इन लोगों पर जांच चलेगी, तब तक इन्हें प्रमोशन नहीं दिया जाए. वहां के वार्ड सदस्य, मुखिया और पंचायत सदस्य की सदस्यता समाप्त की जाए. इस पर कब कोई कानून लाया जाएगा?
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2022 में बिहार में उनकी सरकार थी, तब छपरा और सीवान में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौतें हुई थीं. उस समय भी मैंने पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया था. आज सीवान से मामले सामने आ रहे हैं. जब राज्य में कोई विपत्ति और आपदा आती है, तो सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग भाग जाते हैं. हाल ही में पूरे बिहार में जहरीली शराब पीने से 113 लोगों की मौत हुई है. जिले के डीएम और एसपी ने सामने बैठकर सभी शवों को जलवा दिया. उसके बाद भी ये लोग कहते हैं कि जो पीएगा, वह मरेगा ही.
उन्होंने कहा कि कौन नेता शराब नहीं पीता है. भारत के सभी नेता विदेश में शराब पीते हैं. इस बारे में कौन जानता है? जितने भी नेता शराब नहीं पीते हैं, उनका डीएनए टेस्ट होना चाहिए. ये लोग सिर्फ गरीब जनता को गाली देते हैं और कहते हैं कि अगर वो पीएगा तो मरेगा. ऐसे बयान देने वाले ये नेता क्यों नहीं मरते? इन नेताओं को मरना चाहिए. बिहार में शराब बैन करने से ये मामला नहीं रुकेगा. नीति बदलें और इसकी शुरुआत शराब पर 70 प्रतिशत टैक्स लगाने से करें, ताकि आम लोग शराब से दूर रहें. अगर राज्य में जहरीली शराब बैन कर दी जाए और विदेशी शराब पर 70 प्रतिशत टैक्स लगा दिया जाए, तो कोई भी शराब नहीं पीएगा. उन्होंने ये भी कहा कि 30 साल से कम उम्र के लड़कों को शराब नहीं देनी चाहिए. कानून बनाने व उसका पालन करने पर ही ये सब बंद होगा. सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप से कोई बदलाव नहीं होने वाला है.
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आरके/