नेचुरल हेल्थ बूस्टर है पपीता, जिसके हर भाग में छिपे हैं औषधीय गुण

New Delhi, 17 अक्टूबर . पपीता एक ऐसा फल है जो सालभर आसानी से मिल जाता है, लेकिन इसके फायदे अनगिनत हैं. आयुर्वेद में इसे अमृतफल कहा गया है, क्योंकि यह शरीर के तीनों दोष वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है.

पपीते में मौजूद पपेन नामक एंजाइम हमारे पाचन को मजबूत बनाता है और शरीर को अंदर से साफ करता है. यही वजह है कि पपीता सिर्फ फल नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक औषधि है.

पपीते का हर हिस्सा फल, बीज, पत्ते और उसका दूध सभी किसी न किसी रूप में फायदेमंद हैं. इसका रस स्वाद में हल्का मीठा और कषाय होता है. इसकी तासीर ठंडी होती है. पपीता पित्त शांत करता है, पाचन सुधारता है, खून को साफ करता है और त्वचा को निखार देता है.

अगर आपको गैस, एसिडिटी या पेट भारी रहने की समस्या है, तो सुबह खाली पेट एक कटोरी पका हुआ पपीता खाएं. इससे पाचन सुधरता है और पेट हल्का महसूस होता है. अगर चेहरे पर झुर्रियां या दाग-धब्बे हैं, तो पपीते के गूदे में थोड़ा शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं. यह त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाता है.

खून साफ करने के लिए पपीते की पत्तियों का काढ़ा बहुत असरदार है. दस ग्राम सूखी पत्तियां पानी में उबालकर पीने से त्वचा से जुड़ी समस्याएं जैसे दाने और मुंहासे कम होते हैं. डेंगू में तो पपीते की पत्तियों का रस प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है और यह वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित है.

अगर लीवर कमजोर है तो पपीते के बीजों को पीसकर एक चम्मच शहद के साथ लें. इससे लीवर साफ होता है और टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं. कब्ज या पेट की सफाई के लिए रात में खाना खाने के बाद पपीता खाना बहुत फायदेमंद है. पपीते के बीज आंतों के कीड़ों को भी खत्म करते हैं. मासिक धर्म के दर्द में इसका रस पीने से राहत मिलती है, क्योंकि यह गर्भाशय की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है.

पपीता खाने का सबसे सही समय सुबह खाली पेट या दोपहर के भोजन से पहले है. बस ध्यान रखें, इसे कभी दही के साथ न खाएं, वर्ना पाचन बिगड़ सकता है.

पीआईएम/एएस