बेटी के स्टेज डेब्यू को देख इमोशनल हुए पंकज त्रिपाठी, कहा- ‘करियर के शुरुआती दिनों की याद आ गई’

Mumbai , 17 नवंबर . थिएटर की दुनिया से ही कलाकारों की सच्ची शुरुआत होती है. कई ऐसी नामचीन हस्तियां हैं जिन्होंने पहले मंच से अपनी पहचान बनाई और बाद में बड़े पर्दे तक पहुंचे. नाम और शोहरत पाने के बाद भी कुछ सितारों का लगाव मंच से जुड़ा रहता है. इसी लगाव और अपने शुरुआती दिनों की यादों को फिर से महसूस करते हुए Actor पंकज त्रिपाठी और उनकी पत्नी मृदुला त्रिपाठी अब थिएटर में एक नए सफर की शुरुआत कर रहे हैं.

पंकज त्रिपाठी और मृदुला त्रिपाठी ने अपने नए थिएटर बैनर ‘रूपकथा रंगमंच’ के तहत अपनी पहली प्रस्तुति की घोषणा की है. उनका पहला नाटक ‘लाइलाज’ एक म्यूजिकल कॉमेडी है, जिसमें संगीत, हास्य और भावनाओं का सुंदर मेल देखने को मिलेगा. थिएटर के दर्शकों के लिए यह एक नए अंदाज में पेश की जाने वाली कहानी होगी, और पंकज त्रिपाठी के अनुसार, यह उनके दिल के बेहद करीब है. लंबे समय बाद वह फिर से थिएटर के माध्यम से दर्शकों से जुड़ने जा रहे हैं, और इस शुरुआत को लेकर वह बेहद उत्साहित हैं.

इस नाटक के जरिए पंकज त्रिपाठी की बेटी, आशी त्रिपाठी, भी अपने करियर की शुरुआत करने जा रही हैं. एक पिता के रूप में पंकज अपनी बेटी के इस कदम को लेकर बहुत भावुक हैं.

अपने बेटे के थिएटर शुरुआत को लेकर उन्होंने कहा, ”जब मैं आशी को रिहर्सलों के दौरान मेहनत करते, अपनी कमियों को सुधारते और हर दिन थोड़ा बेहतर होते देखता हूं, तो मुझे अपने शुरुआती दिनों की याद आती है. मेरा मानना है कि किसी भी कलाकार को सबसे ज्यादा प्यार अपनी कला की प्रक्रिया से करना चाहिए और थिएटर वही जगह है, जहां यह प्रेम सबसे सच्चे रूप में पनपता है. मुझे उम्मीद है कि दर्शक आशी और इस नाटक को उतना ही प्यार देंगे जितना हमेशा उन्होंने मुझे दिया है.”

उन्होंने आगे कहा, ”रूपकथा रंगमंच मेरे लिए सिर्फ एक प्रोडक्शन हाउस नहीं है. यह पुराने दिनों से एक गहरा रिश्ता जोड़ने का माध्यम है. मेरा अभिनय सफर थिएटर से शुरू हुआ था. उस समय मंच के पीछे की हलचल, उधार के कपड़े, सीमित संसाधन और लाइव दर्शकों के सामने अभिनय करने का रोमांच, ये सब अनुभव अलग ही थे. इन सारी चीजों ने मुझे एक कलाकार के रूप में गढ़ा. थिएटर ने मुझे मेहनत, अनुशासन, धैर्य और संवेदनशीलता सिखाई.”

पंकज त्रिपाठी ने कहा, ”आज मैं जो कुछ भी हूं, उसमें थिएटर का बहुत बड़ा योगदान है. इसी भावनात्मक जुड़ाव के कारण मैंने और मृदुला ने तय किया कि इस बैनर की पहली प्रस्तुति थिएटर को समर्पित होनी चाहिए. ‘लाइलाज’ इसी सोच का नतीजा है.”

‘लाइलाज’ के लेखक, निर्देशक, गीतकार और संगीतकार फैज मोहम्मद खान हैं.

यह नाटक इस महीने की 21, 22 और 23 तारीख को Mumbai के रंगशिला थिएटर में मंचित किया जाएगा.

पीके