पंकज आडवाणी : बिलियर्ड्स और स्नूकर में देश का झंडा विश्व में फहराने वाले खिलाड़ी

New Delhi, 23 जुलाई . भारत में क्रिकेटर्स से ज्यादा चर्चा और लोकप्रियता किसी भी दूसरे खेल के खिलाड़ी को नहीं मिलती. लेकिन, कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने खेल प्रतिभा के जरिए देश को एक नहीं बल्कि कई बार चैंपियन बनाया है. वह भी क्रिकेटर्स की तरह लोकप्रियता के हकदार हैं. पंकज आडवाणी एक ऐसे ही खिलाड़ी हैं.

पंकज आडवाणी एक अंतर्राष्ट्रीय बिलियर्ड्स और स्नूकर खिलाड़ी हैं. उनका जन्म 24 जुलाई 1985 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था. उन्हें ‘द प्रिंस ऑफ पुणे’ के नाम से भी जाता है. पंकज ने 10 साल की उम्र से स्नूकर की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी और 11 साल की उम्र में अपना पहला खिताब जीता था. 2000 में उन्होंने पहला जूनियर बिलियर्ड्स चैंपियनशिप जीता. 17 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला सीनियर स्नूकर चैंपियनशिप जीता था और यह खिताब जीतने वाले वह सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी बने थे. 2003 में उन्होंने विश्व स्नूकर चैंपियनशिप और 2005 में उन्होंने विश्व बिलियर्ड्स चैंपियनशिप जीती थी.

आडवाणी भारत के एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने स्नूकर और बिलियर्ड्स में विश्व चैंपियन जीता है. आडवाणी स्नूकर और बिलियर्ड्स में न सिर्फ भारत के बल्कि दुनिया के सर्वाधिक सफल खिलाड़ियों में से एक हैं. वह दोनों खेलों में विश्व चैंपियन रहे हैं. पंकज 18 बार विश्व बिलियर्ड्स चैंपियनशिप और 8 बार स्नूकर चैंपियनशिप जीत चुके हैं.

दोनों खेलों में असाधारण प्रदर्शन के लिए पंकज को भारत सरकार और कई State government ों ने प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया है. भारत सरकार ने 2004 में अर्जुन पुरस्कार, 2005-06 में खेल रत्न, 2009 में पद्मश्री, 2018 में पद्म भूषण से उन्हें सम्मानित किया था. कर्नाटक सरकार ने 2007 में उन्हें राज्य के सबसे बड़े खेल सम्मान एकलव्य सम्मान से सम्मानित किया था. पंकज अभी भी सक्रिय हैं और स्नूकर एवं बिलियर्ड्स में देश का नाम रौशन कर रहे हैं.

बता दें कि स्नूकर और बिलियर्ड्स दोनों ही क्यू-आधारित टेबल गेम्स हैं. स्नूकर में 22 गेंदों (15 लाल, 6 रंगीन, और एक सफेद) का उपयोग होता है, जबकि बिलियर्ड्स में आमतौर पर केवल 3 गेंदों (2 सफेद, 1 लाल) का उपयोग होता है.

पीएके/जीकेटी