हिमाचल के बिलासपुर में चिट्टा तस्करी की सजा आरोपियों के परिवारों को, पंचायत ने किया सुविधाओं से वंचित

बिलासपुर, 14 फरवरी . हिमाचल प्रदेश में चिट्टा तस्करी और ड्रग्स के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. जहां एक ओर प्रदेश के युवा नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं, तो वहीं हर साल चिट्टे की लत में फंसकर कई युवाओं ने अपनी जान तक गंवा दी है.

नशे के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब पंचायत प्रतिनिधियों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और नशे में संलिप्त युवाओं के परिवारों को पंचायत की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है.

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के घुमारवीं उपमंडल के तहत बाड़ी मझेडवा और दकड़ीपंचायत के प्रतिनिधियों ने ग्रामसभा की बैठक में ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ सख्त फैसला लेते हुए उनके परिवारों को पंचायत सुविधाओं से वंचित करने का प्रस्ताव पास किया है.

वहीं, जिन नशा तस्करों के खिलाफ घुमारवीं थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया, उनके परिवारों को प्रतिबंध में शामिल किया गया है.

घुमारवीं उपमंडल के तहत बाड़ी मझेडवा में अभी तक कुल चार ऐसे परिवार हैं, जिन्हें पंचायत की ओर से मिलने वाली सुविधाओं में मुख्य रूप से राशन और आवास योजना से हटा दिया गया है. दकड़ीपंचायत में आठ परिवार चिह्नित कर लिए गए हैं, जिन पर जल्द कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

इन दो पंचायतों के अलावा घुमारवीं उपमंडल के तहत ग्राम पंचायत औहर और गतवाड पंचायत ने भी इस अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए ग्राम सभाओं की बैठक में जनता की राय के आधार पर नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया है.

मझेडवा पंचायत के प्रधान पंकज चंदेल और दकड़ी पंचायत के उप प्रधान पवन जमवाल ने कहा कि उनकी पंचायतों में नशा तस्करी और चिट्टे के मामलों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही थीं, जिसे देखते हुए ग्रामसभा की बैठक में यह फैसला लिया गया कि नशा तस्करी में संलिप्त लोगों के परिवारों को पंचायत सुविधाओं से वंचित किया जाएगा. जिस पर अमल करते हुए उन्होंने एक दर्जन परिवारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है और उन्हें आवास योजना तथा राशन जैसी सुविधाओं से हटा दिया गया है.

उन्होंने अन्य पंचायत प्रतिनिधियों से भी अपील की है कि वे भी इस अभियान का हिस्सा बनकर अपनी पंचायतों में चिट्टा और ड्रग्स जैसे जानलेवा नशों से जुड़े लोगों को चिह्नित कर उनके परिवार को दी जाने वाली सुविधाओं को बंद करें ताकि नशे के मामलों पर रोक लग सके और युवा पीढ़ी को बर्बाद होने से बचाया जा सके.

पंचायतों द्वारा की गई इस कार्रवाई के संबंध में जिला पंचायत अधिकारी डॉ. तिलक राज का कहना है कि सरकार और विभाग की ओर से पंचायतों को ऐसे कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं, जिनमें वे ऐसे किसी भी परिवार को सरकार से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित कर सकें. साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से पंचायत प्रतिनिधियों को अपनी पंचायतों में नशे के खिलाफ जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

एकेएस/एकेजे