पालघर: एनएचआरसी ने विरार ईस्ट में इमारत ढहने की घटना में 17 लोगों की मौत का स्वतः संज्ञान लिया

Mumbai , 3 सितंबर . राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने उस मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें कहा गया है कि 27 अगस्त को महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार ईस्ट इलाके में एक चारमंजिला अपार्टमेंट का एक हिस्सा ढहने से 17 लोगों की मौत हो गई और 8 घायल हो गए.

यह इमारत अनधिकृत थी और इसका निर्माण एक दशक से भी पहले हुआ था. हालांकि, निवासी वसई-विरार नगर निगम (वीवीसीएमसी) को कर चुका रहे थे, यह मानते हुए कि नोटरीकृत दस्तावेजों के अनुसार इमारत अधिकृत थी.

आयोग ने पाया है कि अगर मीडिया रिपोर्ट की सामग्री सत्य है तो मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा उठता है. इसलिए आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

28 अगस्त को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वीवीसीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल के कारण इमारत ढह गई होगी. निवासियों को इमारत खाली कराने के लिए तीन नोटिस भेजे गए थे, लेकिन सभी चेतावनियों को नजरंदाज कर दिया गया. बताया जा रहा है कि इमारत में लगभग 50 फ्लैट और आधा दर्जन दुकानें थीं, जिनमें से इमारत के पिछले हिस्से के 12 फ्लैट ढह गए.

इससे पहले एनएचआरसी ने उत्तराखंड के रुड़की के झबरेड़ा क्षेत्र में एक मस्जिद के इमाम द्वारा लड़के के साथ यौन कुकर्म के आरोप पर स्वतः संज्ञान लिया था. इस मामले में एनएचआरसी ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी की और दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 20 अगस्त को उत्तराखंड के रुड़की के झबरेड़ा क्षेत्र में एक मस्जिद में इमाम द्वारा 7 वर्षीय लड़के के यौन कुकर्म संबंधी मीडिया की एक रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया. पीड़ित लड़का मस्जिद में पढ़ने गया था. आयोग ने कहा कि यदि रिपोर्ट सत्य है, तो यह पीड़ित के मानवाधिकार के उल्लंघन का गंभीर मामला है. आयोग ने इस सिलसिले में रुड़की के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की.

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