इस्लामाबाद, 3 अक्टूबर . ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकियों को शरण देने वाला Pakistan एक बार फिर वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बनता जा रहा है. अब वह आतंकवादी संगठन हमास को शरण और सहायता देकर, खुद को आतंकवाद विरोधी सहयोगी के रूप में पेश करते हुए दोहरा खेल खेल रहा है. एक विस्तृत रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है.
बांग्लादेश के प्रमुख मीडिया संस्थान ‘ब्लिट्ज’ की रिपोर्ट के अनुसार, “Pakistan लंबे समय से दोहरे चरित्र की नीति में माहिर रहा है, एक ओर आतंकवाद के खिलाफ साझेदार होने का दिखावा करता है, वहीं दूसरी ओर गुप्त रूप से जिहादी समूहों को अपने भू-Political उद्देश्यों के लिए पोषित करता है. यह खतरनाक रणनीति अब और घातक चरण में प्रवेश कर रही है, Pakistan की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) हमास के आतंकियों को गुप्त रूप से प्रशिक्षण दे रही है.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां पश्चिमी देश 7 अक्टूबर 2023 के नरसंहार के बाद हमास को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं Pakistan गाजा-स्थित इस आतंकी संगठन को गुप्त रूप से शरण, संसाधन और सैन्य विशेषज्ञता उपलब्ध करा रहा है. आईएसआई, हमास और Pakistan के Political-सैन्य नेतृत्व के बीच यह गठजोड़ न केवल इजरायल और India के लिए खतरा है, बल्कि अमेरिका के आतंकवाद-रोधी प्रयासों और वैश्विक सुरक्षा को भी कमजोर करता है.
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में Pakistanी Prime Minister शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर की व्हाइट हाउस में मेजबानी के बावजूद, इस्लामाबाद अपने पुराने दोहरे मानदंडों पर कायम है, जो अब खुली धोखाधड़ी के बराबर हैं.
विश्वसनीय खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया कि हमास के प्रतिनिधि Pakistan की धरती पर स्वतंत्र रूप से सक्रिय हैं, सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं और स्थानीय जिहादी संगठनों से गठजोड़ कर रहे हैं. उन्हें आईएसआई और Pakistanी सेना की एक विशेष इकाई द्वारा कम से कम दो गुप्त शिविरों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिनमें से एक Pakistan अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित है.
इन कदमों से पश्चिमी देशों की हमास को अलग-थलग करने की कोशिशों को गहरा झटका लगा है और यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या अमेरिका को Pakistan को “प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी” के रूप में बनाए रखना चाहिए.
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डीएससी