दिल्ली में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को फिलहाल नहीं हटाया जाएगा, सुप्रीम कोर्ट ने भेजा सरकार को नोटिस

New Delhi, 29 अगस्त . Supreme court ने Friday को दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में रह रहे Pakistanी हिंदू शरणार्थियों को बड़ी राहत दी है. अदालत ने उन्हें बेदखल करने पर फिलहाल रोक लगा दी है. यह आदेश दिल्ली हाईकोर्ट के 30 मई के फैसले पर रोक लगाते हुए दिया गया, जिसमें शरणार्थियों की याचिका को खारिज कर दिया गया था.

Supreme court ने केंद्र Government और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. शरणार्थियों की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने हाईकोर्ट के फैसले को Supreme court में चुनौती दी थी और एक-पक्षीय अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी.

विष्णु शंकर जैन के मुताबिक, दिल्ली के ‘मजनू का टीला’ इलाके में एक हजार से अधिक Pakistanी हिंदू शरणार्थी रह रहे थे. डीडीए ने इन परिवारों को हटाने के लिए नोटिस जारी किया था. शरणार्थियों ने डीडीए के नोटिस को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी, लेकिन राहत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने शरणार्थियों की याचिका को खारिज कर दिया था.

उन्होंने बताया, “पहले सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि Government इस मामले में कोई स्पष्ट नीति नहीं बना पा रही है और नीति निर्माण कोर्ट का कार्यक्षेत्र नहीं है, इसलिए अदालत कोई प्रभावी आदेश पारित नहीं कर सकती.”

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि यह सबसे अहम है कि जब यह मामला पहली बार हाईकोर्ट पहुंचा था, तो कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. अब केंद्र Government की नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत यह स्पष्ट नीति है कि 31 दिसंबर 2014 से पहले Pakistan से India आए सभी विस्थापित हिंदुओं को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. जैसे ही किसी को नागरिकता मिलती है, संविधान का अनुच्छेद 21, जीवन और सम्मान का अधिकार, उन पर लागू हो जाता है.

डीसीएच/