राजस्थान नकली मुद्रा मामले में पाकिस्तानी नागरिक को 10 साल की सजा

jaipur, 26 नवंबर . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने Rajasthan में 2019 के एक जाली मुद्रा मामले में एक Pakistanी नागरिक को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने आरोपी रण सिंह पर 94 हजार रुपए मूल्य के जाली भारतीय मुद्रा नोटों की जब्ती से संबंधित इस मामले में 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

जानकारी के अनुसार रण सिंह को मई 2019 में Rajasthan के मुन्नाबाओ स्थित भूमि सीमा शुल्क स्टेशन पर गिरफ्तार किया गया था, जबकि उसके सहयोगी, एक अन्य Pakistanी नागरिक, की पहचान कुनपजी के रूप में हुई है, जो अभी भी फरार है.

एनआईए ने नवंबर 2019 में दोनों व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. jaipur की विशेष अदालत ने रण सिंह को आईपीसी की धारा 489बी और 489सी के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 16 के तहत दोषी ठहराया और प्रत्येक अपराध के लिए 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया. बाड़मेर जिले के मुन्नाबाओ रेलवे स्टेशन पर 2,000 रुपए के 47 नकली नोटों के साथ पाए जाने के बाद सिंह को हिरासत में लिया गया था.

Police ने कहा कि सिंह थार एक्सप्रेस के जरिए Pakistan से India आया था और कथित तौर पर Pakistanी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उसे नकली मुद्रा की तस्करी के लिए फुसलाया था. रेलवे स्टेशन पर जांच के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने उसके सामान में छिपी हुई मुद्रा का पता लगाया और उसे हिरासत में ले लिया.

एक अधिकारी ने बताया कि वह Pakistan का रहने वाला है और थार एक्सप्रेस से यात्रा कर रहा था. हमें उसके पास से 47 नकली नोट मिले, जिसके बाद उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. अधिकारियों के अनुसार, वह Pakistan के सिंध प्रांत के मीठी का रहने वाला है. एनआईए फरार कुनपजी की तलाश जारी रखे हुए है.

एनआईए India की प्रमुख आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी है, जिसने पिछले एक दशक में जाली मुद्रा के नेटवर्क को ध्वस्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

Mumbai आतंकवादी हमलों के बाद 2009 में स्थापित, एनआईए को राष्ट्रीय या सीमा पार से जुड़े अपराधों की जांच करने का अधिकार है, जिसमें आतंकवाद का वित्तपोषण, तस्करी, सुरक्षा संबंधी जटिलताओं वाले संगठित अपराध और विदेशी नेटवर्क से जुड़े मामले शामिल हैं.

एमएस/एबीएम