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क्वेटा, 4 नवंबर . बलूचिस्तान में Pakistanी सेना ने बलूच के दो और नागरिकों को गैर-कानूनी तरीके से मार डाला. एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने Tuesday को यह जानकारी दी.
यह ताजा घटना प्रांत भर में गैरकानूनी हत्याओं, जबरन गायब करने और यातनाओं में बढ़ोतरी के साथ जारी उत्पीड़न के सिलसिले के बीच हुई है.
बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार विभाग, पांक ने बताया कि 29 अक्टूबर को खुजदार जिले के सौरगर ओरंच इलाके के रहने वाले मजदूर हमजा बलूच को Pakistan समर्थित डेथ स्क्वाड ने जबरन गायब कर दिया और Pakistanी सेना को सौंप दिया. मानवाधिकार संगठन ने बताया कि पांच दिन तक गैर-कानूनी हिरासत के बाद, Monday सुबह उनका शव अवारान जिले के जूतर कूर कोरक इलाके में मिला. उनका शव गोलियों से छलनी किया हुआ था.
पांक ने यह भी बताया कि केच जिले के कुलाहो गांव के रहने वाले बहादुर बलूच को भी Pakistan समर्थित डेथ स्क्वाड के सदस्यों ने बेरहमी से मार डाला. 1 नवंबर को उनके बेजान शरीर को तुरबत सिविल अस्पताल ले जाया गया.
पांक ने कहा कि वह ग्वादर के कुंटानी सीमा क्षेत्र में काम करते थे. जब वह अपने घर जा रहे थे, तभी स्क्वाड के सदस्यों ने उनकी बाइक और अन्य सामान लूट लिए और उन्हें मार डाला. इसके बाद, उनके गले में रस्सी बांध दी ताकि इसे आत्महत्या दिखाया जा सके और शव को पास की मस्जिद में रख दिया.
मानवाधिकार संगठन ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दोषियों के खिलाफ जवाबदेही तय करने की मांग की. संगठन ने यह भी कहा कि Pakistan अपनी कुख्यात सुरक्षा बलों और उनके पैरोल पर काम करने वाले स्थानीय मिलिशिया के माध्यम से बलूचिस्तान में जघन्य युद्ध अपराधों में सीधे तौर पर शामिल है.
पांक ने वैश्विक समुदाय से Pakistan की फंडिंग रोकने का आह्वान किया. उन्होंने आरोप लगाया कि बलूचिस्तान में युद्ध अपराधों को जारी रखने के लिए Pakistan की ओर से इन फंड्स का इस्तेमाल किया जाता है.
पांक ने यह भी कहा कि एक बलूच युवक, आसिफ हासिल, जो पेशे से मछुआरा था, Monday शाम को ग्वादर जिले के पसनी चेक-पोस्ट से Pakistan के कुख्यात आतंकवाद विरोधी विभाग (सीटीडी) और खुफिया एजेंसियों के कर्मियों के हाथों जबरन गायब होने के जघन्य अपराध का शिकार हो गया. उन्हें गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में लेने से पहले, सुरक्षा बलों ने आधी रात को उनके घर पर गैर-कानूनी और बिना वजह छापेमारी की, जिसमें उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए.
संगठन ने आगे कहा कि गैर-कानूनी गिरफ्तारियों ने पूरे बलूच समाज को सदमे में डाल दिया है, खासकर सुरक्षा बलों की इसमें शामिल होने से यह स्थानीय लोगों के लिए और भी चिंताजनक हो गया है.
पांक ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में तुरंत दखल देने और बलूच नागरिकों को निशाना बनाकर लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए Pakistanी Government को जवाबदेह ठहराने की अपील की.
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एएसएच/डीकेपी