पाकिस्तानी सेना ने एक और बलूच बच्चे को किया गायब, मानवाधिकार संस्था का दावा

क्वेटा, 22 जुलाई . पाकिस्तान की एक मानवाधिकार संस्था ने दावा किया है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने एक 10 साल के बच्चे (हासिल बलूच) को जबरन गायब कर दिया है. यह घटना जाहू जीलाग में स्थित एक सैन्य शिविर की है.

बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार संगठन ‘पांक’ ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर बलूचिस्तान में बच्चों को निशाना बनाकर गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया.

‘पांक’ ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान के फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) ने कोलवाह जिले में एक 12 साल के बच्चे की हत्या कर दी.

‘पांक’ ने बताया कि 20 जुलाई को 10 वर्षीय हासिल बलूच को अगवा किया गया, जिससे उसकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता बढ़ गई है. कुछ दिन पहले 16 जुलाई को उसके चचेरे भाई हमीद बलूच को भी घर से ले जाया गया था और 21 जुलाई को उसी इलाके से उसका बेजान, गोलियों से छलनी शव बरामद किया गया था. एक नाबालिग का जबरन गायब होना, खासकर उसके चचेरे भाई की गैर-कानूनी हत्या के बाद, बलूचिस्तान में राज्य की हिंसा का एक भयावह पैटर्न दर्शाता है.

मानवाधिकार संगठन ‘पांक’ ने 10 वर्षीय हासिल बलूच के अपहरण की कड़ी निंदा की और सैन्य अभियानों में बच्चों को निशाना बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर गहरी चिंता जताई.

‘पांक’ ने कहा कि नाबालिगों को जबरन गायब करना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और मानवीय कानून का गंभीर उल्लंघन है. संगठन ने हासिल बलूच की तत्काल और सुरक्षित रिहाई की मांग की.

इसके अलावा, ‘पांक’ ने 18 जुलाई को बलूचिस्तान के कोलवाह जिले में 12 वर्षीय कंबर असलम की गैर-कानूनी हत्या की भी निंदा की.

मानवाधिकार संस्था ने कहा कि कंबर एक कृषि मजदूर था और ट्यूबवेल पर काम करता था. उसको एफसी गश्ती दल ने खेत में प्याज बोने जाते समय सीने में गोली मार दी थी.

‘पांक’ ने कहा, “इस दुखद घटना ने पूरे परिवार को शोक में डुबो दिया है और यह बलूचिस्तान में नागरिकों के खिलाफ हिंसा के परेशान करने वाले पैटर्न को दर्शाता है. यह क्रूर कृत्य क्षेत्र में मानव जीवन की अवहेलना और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है. एक निहत्थे बच्चे को निशाना बनाना जवाबदेही और न्याय की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है.”

‘पांक’ ने पाकिस्तानी अधिकारियों से कंबर की हत्या की तत्काल, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की.

साथ ही, संगठन ने सरकार से बलूचिस्तान में नागरिकों, खासकर कमजोर बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया.

‘पांक ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बलूचिस्तान में पाकिस्तान के “क्रूर दमन” के खिलाफ आवाज उठाने और क्षेत्र में बढ़ते मानवाधिकार उल्लंघनों को संबोधित करने तथा बलोच लोगों के सुरक्षा और सम्मान के अधिकार का समर्थन करने की भी अपील की.

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