‘आतंकवाद खत्म करने के लिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई पर चोट करना चाहिए’ : जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एस.पी. वैद (आईएएनएस साक्षात्कार) 

जम्मू, 8 मई . भारतीय सेना की तरफ से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सफल सैन्य कार्रवाई के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एस.पी. वैद ने समाचार एजेंसी से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर कुछ समय के लिए आतंकवाद को जरूर रोका जा सकता है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए जरूरी है कि पाकिस्तान की सेना और आईएसआई पर चोट की जाए.

सवाल : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने नौ आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया, लेकिन पाकिस्तान छह जगह पर हमले होने की बात कह रहा है. इस प्रोपेगेंडा पर आप क्या कहेंगे?

जवाब : लोगों को यह देखना चाहिए कि भारत सरकार ने क्या कहा है क्योंकि पाकिस्तान कभी भी अपनी कैजुअल्टी नहीं मानता और सच नहीं बोलता. वह हमेशा से झूठ का पुलिंदा रहा है. पाकिस्तान आर्मी झूठ और नफरत पर बनी है, इसलिए उस पर विश्वास नहीं करके भारत पूरी दुनिया के सामने जो कह रहा है, उसे ही मानना चाहिए. सभी नौ जगहों के डिस्क्रिप्शन एवं कोऑर्डिनेट बताए गए हैं. टेरर कैंप को निशाना बनाया गया, जहां आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जाती थी. भारत सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी पूरी जानकारी दी. पाकिस्तान आम नागरिकों, महिलाओं और बच्चों के मारे जाने का प्रोपेगेंडा चलाएगा, लेकिन हमें भारतीय सरकार के प्रेस कॉन्फ्रेंस को मानना चाहिए, क्योंकि वह सही है.

सवाल : पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर भारत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बंद करता है, तो हम भी कुछ नहीं करेंगे. इस पर आपकी क्या राय है?

जवाब : अगर वे ऐसा सोचते हैं, तो एस्केलेशन से बच जाएंगे. पूर्ण युद्ध न हो, यह दोनों देशों के लिए अच्छी बात है. हालांकि मुझे नहीं लगता कि वहां के रक्षा मंत्री के कहने पर सब होता है. वहां की फौज के चीफ के कहने पर सब कुछ होता है.

सवाल : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकवाद रुक जाएगा?

जवाब : मुझे नहीं लगता, यह लड़ाई लंबी होगी. जब तक पाकिस्तान की आर्मी और आईएसआई पर हमला नहीं होगा, आतंकवाद नहीं रुकेगा. हालांकि कुछ देर के लिए इसे टाला जा सकता है क्योंकि आतंकवादियों के अंदर डर रहेगा कि अगर हम कुछ करेंगे, भारत हमारे ऊपर हमला कर सकता है. लेकिन उनकी फौज और आईएसआई को चोट पहुंचाना बहुत जरूरी है.

सवाल : आतंकवादी मसूद अजहर के परिवार के लोग मारे गए, जिस पर उसका कहना है कि बेहतर होता अगर वह हमले में मर जाता. इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

जवाब : हम नहीं चाहते कि वह मरे, वह महसूस करे कि उसने जो कारनामे किए हैं, उनकी तकलीफ कैसी होती थी. उसे भी तकलीफ महसूस होनी चाहिए.

सवाल : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने के लिए आह्वान किया है. इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब : संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि पाकिस्तान ने आतंकवाद किया है, जिहाद छेड़ी है, ‘गजवा-ए-हिंद’ करने की कोशिश की है. 26 निहत्थे लोगों को उनका धर्म पूछकर मारा है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र को पाकिस्तान को रोकना चाहिए. भारत तो जवाबी कार्रवाई कर रहा है. उन्हें अच्छाई और बुराई में फर्क करना सीखना चाहिए. भारत धर्म का युद्ध लड़ रहा है, बुराई के खिलाफ अच्छाई का युद्ध है. भारत अटैक नहीं कर रहा. दोनों देशों की तुलना नहीं की जा सकती. पाकिस्तान आतंकवाद फैला रहा है, जिसके खिलाफ पूरी दुनिया को खड़ा होना चाहिए. आतंकवाद से पूरी दुनिया पीड़ित है. क्या वे (संयुक्त राष्ट्र प्रमुख) चाहते हैं कि आतंकवाद को हवा मिले? उन्हें पाकिस्तान से सीधा आतंकवाद को बंद करने के लिए कहना चाहिए.

सवाल : तालिबान ने लाहौर में सूफी दरगाह पर आत्मघाती विस्फोट की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 10 लोगों की मौत हुई थी. इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब : तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ है. वह डूरंड लाइन को नहीं मानता. ‘टीडीपी’ और ‘बीएलए’ उन्हें हिट कर रहा है. पाकिस्तान आर्मी का जो रवैया है, उनके साथ कोई नहीं है. अपने लोग उनके खिलाफ हैं, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और पीओके की हालत देख लीजिए. वे (पाकिस्तानी सेना) जिस प्रकार से लोगों के प्रति अत्याचार का रवैया रखते हैं, उनके साथ कोई नहीं है. वे युवाओं और महिलाओं को उठाकर गायब कर देते हैं, जिसके कारण उनके लोग ही खिलाफ हो गए हैं. यही कारण है कि तालिबान भी उनके खिलाफ है.

सवाल : बलूचिस्तान में दोहरे हमलों में 14 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जिसकी जिम्मेदारी बीएलए ने ली. इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे?

जवाब : बीएलए उन्हें बहुत ही हार्ड हिट कर रहा है. तालिबान भी ऐसा कर रहा है. मैं समझता हूं कि उन्हें बलूचिस्तान को आजादी दे देनी चाहिए. वहां आए दिन पाकिस्तान सेना के लोग मारे जाते हैं. ऐसे में पाकिस्तान को वहां से निकल जाना चाहिए.

सवाल : कांग्रेस नेता उदित राज के इस बयान पर कि ‘सिंदूर’ एक विशेष धर्म से संबंधित है, बेहतर होता अगर ऑपरेशन का नाम कुछ और दिया गया होता, आप क्या कहेंगे?

जवाब : मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं. उदित राज से कहिए कि सिंदूर सभी लगाते, यह यहां की संस्कृति है. उन्हें इसे धर्म में नहीं बांटना चाहिए.

सवाल : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के आरोप कि हिंदू भावनाओं से खेला जा रहा है, इस पर आप क्या कहेंगे?

जवाब : सिर्फ उनकी भावना खराब हुई है, और किसी की नहीं. यहां पर तो कर्नल सोफिया कुरैशी ने हमले की जानकारी दी, उनके पिता बहुत खुश हैं. जो देशभक्त हैं, वे चाहे किसी भी धर्म से ताल्लुक रखते हों, वे भारत की सेना और एजेंसियों पर गर्व करते हैं.

एससीएच/एकेजे