क्वेटा, 25 अगस्त . मानवाधिकार संगठन बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) के कार्यकर्ता सम्मी दीन बलूच ने Monday को Pakistan के आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) के अधिकारियों पर एक बलूच महिला पर क्रूरतापूर्वक हमला करने का आरोप लगाया. महिला ने कराची की एक सड़क से अपने भाई के जबरन अपहरण को रोकने की कोशिश की थी, जिसके कारण उसे जबरन गायब कर दिया गया.
सीटीडी अधिकारियों ने कथित तौर पर महिला को लाठियों और डंडों से पीटा, जिससे वह घायल हो गई, क्योंकि उसने अपने भाई सादिक बलूच को अवैध रूप से ले जाने के उनके प्रयास का विरोध किया था.
सम्मी ने social media पर हमले का वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह दृश्य बलूचिस्तान के उन सैकड़ों घरों की वास्तविकता को दर्शाता है, जहां माताएं, बहनें और बेटियां अपने प्रियजनों की रक्षा के लिए Pakistanी अधिकारियों के खिलाफ डटी रहती हैं, लेकिन बदले में उन्हें केवल हिंसा और घाव ही मिलते हैं.
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि सादिक बलूच की बहन पर की गई हिंसा उस व्यापक Governmentी दमन का प्रतिनिधित्व करती है जो बलूचों पर रोजाना ढाया जा रहा है. हजारों युवाओं का अपहरण कर लिया गया और बिना किसी मामले के उन्हें गायब कर दिया गया. अक्सर, उनके लौटने की कोई खबर नहीं मिलती, और अगर मिलती भी है, तो क्षत-विक्षत लाशों के रूप में.
पोस्ट में आगे कहा गया कि इस घटना का एक और गंभीर पहलू यह है कि कैमरों के सामने हो रही इस क्रूरता को रिकॉर्ड भी किया गया, वरना बलूचिस्तान के पहाड़ों और दूरदराज के गांवों में होने वाली हिंसा दुनिया की नजरों से पूरी तरह छिपी रहती है. इन्हीं कुछ दर्ज घटनाओं के आधार पर हम यह सवाल उठाते हैं, जब राज्य ही अपने नागरिकों के साथ बर्बरता करता है, उनके परिवारों को बंधक बनाता है और उनकी महिलाओं को सड़कों पर पीटता है, तो बलूच अपने जख्म कहां ले जाएं?”
उन्होंने चिंता जताते हुए सवाल किया कि Pakistan बलूचों पर राज्य विरोधी होने का आरोप लगाता है, तो बलूचिस्तान के लोग, जो पीढ़ियों से अपने परिजनों को दफनाते आ रहे हैं, जिनके युवाओं का लगातार अपहरण किया जा रहा है, जिनकी महिलाओं को लाठियों से पीटा जा रहा है, वे कैसे चुप रह सकते हैं.
बलूचिस्तान में अपहरण किए जाने की एक और घटना का खुलासा करते हुए बलूच नेशनल मूवमेंट के मानवाधिकार विभाग, पांक ने बताया कि Pakistanी सैन्य बलों ने तीन बलूच युवकों को जबरन गायब कर दिया था.
इनमें से, केच के गेबुन जिले के निवासी और एक ही परिवार के दो व्यक्तियों, दाद करीम और शोएब अहमद का Sunday को कराची से अपहरण कर लिया गया.
एक अलग लेकिन उतनी ही चिंताजनक घटना में मानवाधिकार संस्था ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उस्मान मकबूल को Pakistanी सुरक्षा बलों ने केच के तुर्बत से जबरन अपहरण कर लिया था.
पांक ने बताया कि उस्मान का इससे पहले 2019 में केच के पिदारक इलाके से अपहरण किया गया था और दो साल बाद 2021 में उन्हें रिहा कर दिया गया था.
मानवाधिकार संस्था ने इन गैरकानूनी अपहरणों की कड़ी निंदा की है तथा इन्हें Pakistanी राज्य द्वारा बलूच नागरिकों को व्यवस्थित तरीके से निशाना बनाने का हिस्सा माना है.
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एएसएच/डीकेपी