पाकिस्तान हमें धमकी देता है, दूसरी ओर हम उसके साथ क्रिकेट खेलने के लिए तैयार हैं : प्रियंका चतुर्वेदी

New Delhi, 11 अगस्त . एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच आयोजित होने वाले क्रिकेट मैच को लेकर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पाकिस्तान हमें धमकियां देता है और हम उनके साथ क्रिकेट मैच खेलने के लिए तैयार हो जाते हैं. आखिर हम यह क्यों नहीं कह सकते हैं कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का मैच हम नहीं खेलेंगे.

Monday को से बातचीत में शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने पाकिस्तान सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के उस बयान को खोखली धमकी करार दिया जिसमें सेना प्रमुख ने कहा कि अगर वह डूबेंगे, तो आधी दुनिया को साथ लेकर डूब जाएंगे.

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पाकिस्तान की धमकियां सिर्फ खोखली बातें हैं और कुछ नहीं, खासकर तब जब हमारे वायुसेना प्रमुख बता चुके हैं कि हमने पाकिस्तान को कैसे सबक सिखाया. उन्होंने देश को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बारे में बताया. आज देश और दुनिया जानती है कि पाकिस्तान को कैसे घुटने पर लाया गया.

हालांकि, मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहूंगी कि पाक आर्मी चीफ अमेरिका की धरती से परमाणु युद्ध की बात करता है और भारत को हानि पहुंचाने की बात कर रहा है, इसके बावजूद हम पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने वाले हैं. यह पूरी तरह से गलत है कि एक तरफ वे हमें धमकाते हैं और दूसरी तरफ हम क्रिकेट मैच खेलने के लिए राजी हो जाते हैं.

चुनाव आयोग की ओर से इंडिया ब्लॉक के 30 सदस्यों को बैठक के लिए आमंत्रित करने पर उन्होंने कहा कि बैठक का समय मजबूरी में दिया गया था क्योंकि उन्हें पता है कि विपक्ष लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठा रहा है. संविधान सभी को वोट देने का अधिकार देता है, लेकिन चुनाव आयोग और भाजपा की मिलीभगत के कारण इसका उल्लंघन हो रहा है. यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्हें मजबूरी में समय देना पड़ा.

उन्होंने कहा कि Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जो सवाल उठा रहे हैं, वह महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने मीडिया में तथ्य प्रस्तुत किए हैं. चुनाव आयोग ने सबूत मांगे तो सबूत भी दिए गए. लेकिन, अब वे हलफनामा मांग रहे हैं. चुनाव आयोग किस बात का हलफनामा अब मांग रहा है? वह विपक्ष के नेता हैं. लेकिन, हलफनामा मांगा जा रहा है.

शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने दावा किया कि विपक्ष पूरी ताकत के साथ देश की जनता के वोट के अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए लड़ रही है. इसलिए हम मार्च निकाल रहे हैं; लोकतंत्र को बचाने के लिए हम काम करते रहेंगे.

संघ प्रमुख मोहन भागवत के स्वास्थ्य सेवा पर दिए बयान का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, “मैं यह भी कहना चाहूंगी कि हमने स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी हटाने की लगातार मांग की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. देश की इतनी बड़ी आबादी के लिए स्वास्थ्य बीमा एक बेहद महत्वपूर्ण विषय है, फिर भी यह जीएसटी के दायरे में है. जब तक हम शिक्षा और हेल्थ के सिस्टम को ठीक नहीं करेंगे, हम प्रगति नहीं कर सकते हैं, क्योंकि कोई भी देश बिना बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा के विकसित नहीं बन सकता है.”

डीकेएम/एएस