पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने जमात-ए-इस्लामी अध्यक्ष रहमान से की मुलाकात

इस्लामाबाद, 24 अगस्त . Pakistan के उप Prime Minister एवं विदेश मंत्री, सेनेटर मोहम्मद इशाक डार ने बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के अमीर (प्रमुख) डॉ. शफीकुर रहमान के निवास पर उनसे मुलाकात की.

डॉ. रहमान की हाल ही में कार्डिएक सर्जरी हुई थी. डार ने Pakistan के Prime Minister की ओर से डॉ. शफीकुर रहमान के जल्द सेहतमंद होने की कामना की. डार ने डॉ. रहमान के राजनीति, शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्रों में दिए गए जीवन भर के सकारात्मक योगदान की प्रशंसा की.

इस मुलाकात की जानकारी Pakistanी विदेश मंत्रालय के आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट के जरिए दी गई.

दूसरी ओर Sunday को ढाका में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद, उप-Prime Minister एवं विदेश मंत्री इशाक डार और बांग्लादेश के विदेश सलाहकार ने Pakistan और बांग्लादेश के बीच छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

इनमें राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा उन्मूलन पर Pakistan और बांग्लादेश के बीच समझौता, व्यापार पर संयुक्त कार्य समूह पर समझौता ज्ञापन, Pakistan और बांग्लादेश की विदेश सेवा अकादमियों के बीच समझौता ज्ञापन, एसोसिएटेड प्रेस ऑफ Pakistan कॉर्पोरेशन और बांग्लादेश संवाद संस्था के बीच समझौता ज्ञापन, सामरिक अध्ययन संस्थान इस्लामाबाद और बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय एवं सामरिक अध्ययन संस्थान के बीच समझौता ज्ञापन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम शामिल हैं.

Pakistanी विदेश मंत्रालय के आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा गया, “ये समझौते व्यापार और अर्थशास्त्र, राजनयिकों के प्रशिक्षण, शैक्षणिक आदान-प्रदान, मीडिया सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में द्विपक्षीय सहयोग को संस्थागत रूप देंगे और उसे ज्यादा मजबूत करेंगे.”

बता दें कि जमात-ए-इस्लामी ने आखिरी बार 1970 में, जब बांग्लादेश पूर्वी Pakistan था, ढाका के पलटन मैदान में एक बड़ी रैली की थी. जमात-ए-इस्लामी को Pakistan समर्थक पार्टी माना जाता है. 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के समय इस पार्टी ने Pakistanी सेना का साथ दिया था और बांग्लादेशी नागरिकों पर हुए हमलों और हत्याओं में शामिल रही थी.

जमात-ए-इस्लामी की Pakistan से नजदीकियों और 1971 के युद्ध में उसकी भूमिका को लेकर बांग्लादेश में विवाद रहा है. हालांकि, Pakistan इसे बीते हुए मुद्दे के रूप में देखता है, जिस पर पहले ही दो बार समझौते हो चुके हैं.

वीकेयू/एबीएम