आईएमएफ की शर्तें पूरी नहीं कर सका पाकिस्तान, भारत का रुख सही साबित

New Delhi, 13 अगस्त . Pakistan एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की दूसरी समीक्षा के लिए तय पांच में से तीन लक्ष्यों को हासिल करने में नाकाम रहा. इससे India का यह रुख सही साबित हुआ है कि Pakistan एक लंबे समय से कर्ज लेने वाला देश है, जिसका कार्यक्रम शर्तों को लागू करने और पालन करने का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है.

Pakistan के संघीय राजस्व बोर्ड (एफबीआर) ने दो बड़े वित्तीय लक्ष्य गंवा दिए. इनमें 12.3 लाख करोड़ रुपये का कुल राजस्व संग्रह लक्ष्य और खुदरा व्यापारियों पर कर लगाने के लिए शुरू की गई चर्चित ‘ताजिर दोस्त योजना’ के तहत 50 अरब रुपये जुटाने का लक्ष्य शामिल था. Pakistanी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, यह योजना पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई और असंगठित अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं डाल सकी.

Pakistan के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी वित्तीय संचालन सारांश में यह भी सामने आया है कि प्रांतीय Governmentें बीते वित्तीय वर्ष में 1.2 लाख करोड़ रुपये की बचत के लक्ष्य को भी हासिल नहीं कर पाईं, क्योंकि खर्च ज्यादा बढ़ गया.

India ने इन कर्जों का विरोध करते हुए कहा है कि आईएमएफ जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल Pakistan सैन्य और प्रायोजित सीमा पार आतंकी गतिविधियों के लिए कर सकता है. हालांकि, आईएमएफ की प्रक्रिया तकनीकी और औपचारिक सीमाओं में बंधी हुई है.

आईएमएफ की पिछली बैठक में India के प्रतिनिधि परमेश्वरन अय्यर ने कहा था, “यह गंभीर खाई इस बात को रेखांकित करती है कि वैश्विक वित्तीय संस्थानों की प्रक्रियाओं में नैतिक मूल्यों को उचित महत्व दिया जाना चाहिए.”

सितंबर 2023 में आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड ने Pakistan के लिए 37 माह की विस्तारित व्यवस्था (ईएफएफ) के तहत 5,320 मिलियन एसडीआर (करीब 7 अरब डॉलर) के पैकेज को मंजूरी दी थी. तत्काल 1 अरब डॉलर की किश्त जारी हुई थी, जबकि Friday को हुई बैठक में Pakistan के फंडिंग कार्यक्रम की समीक्षा की गई.

India ने दोहराया कि यदि पिछली योजनाएं Pakistan में मजबूत व्यापक आर्थिक नीतियां लागू करने में सफल रही होतीं, तो वह बार-बार आईएमएफ के पास मदद के लिए नहीं आता. Pakistan के खराब रिकॉर्ड से या तो आईएमएफ कार्यक्रम के डिजाइन, उनकी निगरानी या फिर Pakistan के क्रियान्वयन पर सवाल उठते हैं.

India ने यह भी कहा कि Pakistan की अर्थव्यवस्था में सेना का गहरा दखल नीतिगत चूक और सुधारों की वापसी का बड़ा खतरा है. वर्तमान में भले ही नागरिक Government सत्ता में हो, सेना घरेलू राजनीति में और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में अपना प्रभाव बनाए हुए है.

डीएससी/