इस्लामाबाद, 7 नवंबर . ईरान और पाकिस्तान के सीमा सुरक्षा बलों ने सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में पाक-अफगान सीमा पर एक संयुक्त अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य ‘अफगान और ताजिक आतंकवादियों’ को निशाना बनाना था.
ईरानी अधिकारियों ने दावा किया कि रसिक, चाबहार और परवाड़ इलाकों में चलगाए गए संयुक्त सैन्य अभियान में कम से कम 18 अफगान-ताजिक आत्मघाती हमलावर मारे गए.
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद पाकपुर ने कहा, ‘आतंकवादी तेल टैंकर मालिकों के वेश में पाकिस्तान से ईरान में घुसे थे.’
दूसरी ओर, कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि मारे गए आतंकवादी तस्कर हो सकते हैं. क्षेत्र और पाकिस्तान की सीमाओं पर उग्रवाद पर कड़ी नज़र रखने वाले पाकिस्तान स्थित थिंक टैंक खुरासान डायरी ने कहा कि पाकिस्तान और ईरान का संयुक्त अभियान आतंकवादियों के खिलाफ नहीं, बल्कि तस्करों के खिलाफ था.
थिंक टैंक ने कहा, “शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि बलूचिस्तान में सीमा पर तस्करों के खिलाफ पाकिस्तान और ईरानी सीमा बलों के बीच एक संयुक्त अभियान चल रहा है.”
ईरान-पाक सीमा पर ताजा तनाव ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची के इस्लामाबाद दौरे के कुछ ही दिनों देखा गया.
यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने आतंकवादियों और तस्करों की सीमा पार घुसपैठ के मुद्दे से निपटने के लिए सीमा सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार तथा उनके ईरानी समकक्ष ने इस गंभीर मुद्दे को हल करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला.
इस्लामाबाद में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान डार ने कहा, “हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद पाकिस्तान और ईरान दोनों के लिए एक साझा चुनौती है. हम इन खतरों से निपटने में सहयोग करेंगे, खासकर सीमा पर.”
दोनों पक्षों ने सीमा सुरक्षा, आतंकवाद और क्षेत्रीय स्थिरता की साझा चुनौतियों से निपटने में अपना सहयोग जारी रखने पर भी सहमति जताई.
पाकिस्तान-ईरान सीमा का इस्तेमाल तस्करों और आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ और अन्य गतिविधियों के लिए किया जाता रहा है.
अतीत में, ईरानी सीमा सुरक्षा बलों ने पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर भी अभियान चलाए हैं, जबकि इस्लामाबाद ने आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर ईरानी क्षेत्र के अंदर हवाई हमले किए हैं.
हालिया संयुक्त अभियान सीमा सुरक्षा सहयोग की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है, लेकिन दोनों पक्षों के परस्पर विरोधी दावों ने दोनों देशों में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है.
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