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New Delhi, 28 अक्टूबर . दांतों की सड़न एक ऐसी समस्या है जो धीरे-धीरे शुरू होकर गंभीर दर्द और इंफेक्शन तक पहुंच सकती है. जब कभी आपके दांतों का रंग पीला या काला पड़ने लगे, ठंडा या गरम खाने पर दर्द महसूस हो या मुंह से बदबू आने लगे, तो समझ लीजिए कि सड़न शुरू हो चुकी है. अगर इसे अनदेखा किया गया तो यह दांत की जड़ तक पहुंचकर बहुत नुकसान कर सकती है.
दांत सड़ने के पीछे कई कारण होते हैं. सबसे आम कारण है अत्यधिक मीठा खाना, जैसे मिठाई, चॉकलेट या सॉफ्ट ड्रिंक. इनमें मौजूद शक्कर मुंह में एसिड बनाती है जो दांतों की बाहरी परत यानी इनेमल को धीरे-धीरे घिस देती है. इसके अलावा, अगर आप दिन में दो बार ब्रश नहीं करते या फ्लॉसिंग की आदत नहीं है, तो दांतों में प्लाक जमने लगता है जो सड़न की शुरुआत का कारण बनता है. कई बार पानी कम पीने या कुछ दवाइयों की वजह से लार कम बनती है, जिससे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं. साथ ही, कैल्शियम और विटामिन डी की कमी से भी दांत कमजोर हो जाते हैं.
घरेलू उपायों की मदद से इस समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है. सबसे असरदार लौंग का तेल है. इसमें मौजूद यूजेनॉल दर्द और सूजन को कम करता है. बस एक रुई में लौंग का तेल लगाकर प्रभावित दांत पर रखें. इसी तरह, नीम की दातुन रोज सुबह करने से मुंह के कीटाणु मर जाते हैं और मसूड़े मजबूत होते हैं. एक और आसान उपाय है नारियल तेल से ऑयल पुलिंग यानी 1 चम्मच नारियल तेल को मुंह में 5 मिनट तक घुमाएं और फिर थूक दें. इससे मुंह के बैक्टीरिया और टॉक्सिन निकल जाते हैं.
अगर दांत में दर्द या सड़न ज्यादा हो, तो लहसुन का पेस्ट भी बहुत फायदेमंद है. एक लहसुन की कली पीसकर 5 मिनट तक दांत पर लगाएं. यह संक्रमण को कम करता है. नमक और सरसों तेल का मिश्रण भी एक पुराना घरेलू नुस्खा है. इसे हल्के हाथ से मसूड़ों पर रगड़ने से इनेमल मजबूत होता है.
दांतों की मजबूती के लिए आहार भी अहम भूमिका निभाता है. दूध, पनीर, तिल, अंजीर और हरी सब्जियां कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं, जबकि आंवला और नींबू विटामिन सी देकर मसूड़ों को मजबूत करते हैं.
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पीआईएस/एबीएम