नई दिल्ली, 23 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के प्रति ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और प्रमुख सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने अपने विचार साझा करते हुए ऐसे घिनौने कृत्यों के पीछे छिपे व्यापक इरादे के अलावा इसके खिलाफ एकजुट राष्ट्रीय प्रतिक्रिया के महत्व के बारे में बात की.
सद्गुरु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आतंकवाद का उद्देश्य केवल युद्ध नहीं है, बल्कि समाज में डर का माहौल बनाकर उसे पंगु बनाना है. इसका उद्देश्य आतंक फैलाना, समाज को विभाजित करना, देश की आर्थिक विकास की गति को पटरी से उतारना और हर स्तर पर अराजकता पैदा करना है. अगर हम इस देश की संप्रभुता को बनाए रखना और उसका पोषण करना चाहते हैं, तो हमें इन तत्वों से सख्ती और लंबे तथा मजबूत संकल्प के साथ निपटना होगा.”
आतंकवाद से उत्पन्न चुनौतियों के दीर्घकालिक समाधान पर बोलते हुए सद्गुरु ने शिक्षा, आर्थिक अवसरों और कल्याण के प्रति अधिक न्यायसंगत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया.
उन्होंने कहा कि इसके बड़े और दीर्घकालिक समाधान हैं, सभी स्तरों पर शिक्षा, आर्थिक अवसर, धन और कल्याण का समान वितरण.
सद्गुरु ने कहा, “फिलहाल, धर्म, जाति, पंथ या राजनीतिक संबद्धता के सभी संकीर्ण विभाजनों से परे एक राष्ट्र के रूप में एक साथ खड़े होना और सभी स्तरों पर हमारे सुरक्षा बलों को उनके कर्तव्यों का पालन करने में सहायता करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. सभी शोक संतप्त और घायलों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है.”
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए. यह जगह श्रीनगर से लगभग 30 मील दूर एक पर्यटन स्थल है. इस घिनौनी आतंकी हमले की देश-विदेश में कड़ी निंदा हो रही है.
दूसरी तरफ, जम्मू-कश्मीर सरकार ने पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मुआवजे का ऐलान किया है. राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपए और घायलों के लिए 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है. वहीं, मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की गई है.
–
एसके/