माटी, भाषा और अस्मिता के रक्षक रवींद्र केलकर, जिन्होंने कोंकणी को पहचान और गोवा को दिलाया सम्मान
New Delhi, 26 अगस्त . कोंकणी साहित्य के प्रमुख स्तंभों की चर्चा हो और रवींद्र केलकर का नाम न आए, यह असंभव-सा है. रवींद्र केलकर ही थे, जिन्होंने कोंकणी भाषा को India के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने और गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनकी किताब … Read more