पुण्यतिथि विशेष : हरिशंकर परसाई और हमारा समाज, ‘जो दिखता है, वो होता नहीं’ को समझाने वाले व्यंग्यकार
New Delhi, 9 अगस्त . ‘हंसते हैं रोते हैं, जैसे उनके दिन फिरे’, यह हिंदी साहित्य के लेखक हरिशंकर परसाई के शब्द हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी से ऐसी सामाजिक और Political वास्तविकताओं को आमने-सामने खड़ा किया, जिनसे अक्सर लोग बचना चाहते हैं. हरिशंकर परसाई का जन्म 22 अगस्त 1922 को Madhya Pradesh के होशंगाबाद जिले … Read more