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चंडीगढ़, 29 अक्टूबर . पंजाब की मंडियों में धान की आमद 100 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) को पार कर गई है, जिसमें से 97 एलएमटी से अधिक फसल की खरीद पूरी हो चुकी है.
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने बताया कि किसानों के खातों में 21,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि सीधे ट्रांसफर कर दी गई है. खरीदी गई फसल में से 77 एलएमटी से अधिक की लिफ्टिंग भी हो चुकी है, जिससे मंडियों में जगह बनी रहे.
मंत्री कटारूचक ने कहा, “Chief Minister भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में Government ने मंडियों में पूर्ण प्रबंध किए हैं, ताकि किसान, आढ़ती और मजदूर किसी परेशानी से न जूझें.” इस वर्ष खरीफ विपणन सीजन (केएमएस 2025-26) में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हुई थी. बावजूद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के, राज्य ने 1,822 नोटिफाइड खरीद केंद्रों पर सुचारू व्यवस्था की. सीएम मान खुद खरीद प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं और ‘हर दाना खरीदने’ का वादा किया है.
पिछले वर्षों की तुलना में इस सीजन में खरीद की गति उल्लेखनीय है. सितंबर में भारी बारिश और बाढ़ से 5 लाख एकड़ फसल प्रभावित हुई थी, लेकिन छोटी अवधि वाली धान किस्मों ने उत्पादन को 175 एलएमटी तक पहुंचाने में मदद की. पटियाला जिला खरीद में अग्रणी है, जबकि बाढ़ प्रभावित तरन तारन दूसरे स्थान पर है. अब तक 4,32,458 से अधिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ मिला है. एमएसपी ग्रेड ए धान के लिए 2,320 रुपए प्रति क्विंटल है.
21,000 करोड़ रुपए का ट्रांसफर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए हुआ है, जो किसानों का विश्वास बढ़ा रहा है. किसानों को भुगतान में कोई देरी नहीं हो रही. लिफ्टिंग में भी 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल हो चुका है. जून में Government ने 4 मिलियन मीट्रिक टन अतिरिक्त भंडारण क्षमता बनाने का लक्ष्य रखा था, जो दिसंबर 2025 तक पूरा होगा. पनग्रेन, मार्कफेड और पनसुप जैसी एजेंसियां सक्रिय हैं. उदाहरण के लिए, लुधियाना जिले में पनग्रेन ने 2,99,045 एमटी धान खरीदा और 2,58,772 एमटी लिफ्ट किया.
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एससीएच